‘वंदे मातरम्’ किसी एक धर्म का या मजहब का नहीं : राकांपा सदस्य प्रफुल्ल पटेल

‘वंदे मातरम्’ किसी एक धर्म का या मजहब का नहीं : राकांपा सदस्य प्रफुल्ल पटेल

‘वंदे मातरम्’ किसी एक धर्म का या मजहब का नहीं : राकांपा सदस्य प्रफुल्ल पटेल
Modified Date: December 9, 2025 / 07:17 pm IST
Published Date: December 9, 2025 7:17 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सदस्य के प्रफुल्ल पटेल ने ‘वंदे मातरम्’ को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि यह किसी एक धर्म का या मजहब का नहीं है बल्कि यह समूचे भारत को आजादी की सांस देने वाला जीवनदायक मंत्र है।

‘वंदे मातरम्’ की रचना के 150 साल पूरे होने पर उच्च सदन में हो रही चर्चा में हिस्सा लेते हुए पटेल ने कहा ‘‘जब तक सूरज चांद रहेगा, तब तक हिंदुस्तान रहेगा और जब तक हिंदुस्तान रहेगा, तब तक वंदे मातरम् रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ ने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी और अब यह 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा कि अभी बहुत कुछ किया जाना है क्योंकि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति की समस्याएं दूर नहीं हुई हैं।

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उन्होंने कहा कि हम सभी को एकजुट हो कर समस्याओं के समाधान के लिए आगे आना होगा तब ही हम 2047 तक विकसित भारत बना पाएंगे।

चर्चा में हिस्सा ले रहे बीआरएस सदस्य के आर सुरेश रेड्डी ने कहा कि विविधता में एकता भारत की खूबसूरती है और हमारा मूल मंत्र ‘वंदे मातरम्’ है। उन्होंने कहा कि 1905 में जब बंगाल का विभाजन हुआ था तब ‘वंदे मातरम्’ ने बच्चे-बच्चे के अंदर देशभक्ति की भावना भर दी थी।

उन्होंने कहा ‘‘अंग्रेजों को वंदे मातरम् की शक्ति का अहसास हो गया। उनका दमन तेज हुआ किसी न किसी रूप में और वंदे मातरम् ने देशभक्ति की भावना को लगातार मजबूती दी। नतीजा भारत की आजादी के रूप में सामने आया।’’

माकपा के वी शिवदासन ने कहा ‘‘वंदे मातरम् पर चर्चा करते समय हमें इसकी एक-एक पंक्ति को याद करना चाहिए और सोचना चाहिए कि हमारे देश में क्या हर मां अपने बच्चों को बुनियादी सुविधाओं के साथ इस देश की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार कर पा रही है? क्या हम वंदे मातरम् के रचयिता का और इसका उद्घोष करने वालों का सपना पूरा कर पाए हैं? ’’

जद (यू) के संजय कुमार झा ने कहा कि आपस की कलह छोड़ कर विकास की ओर ध्यान देना होगा, तब ही 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनाने का सपना सच हो पाएगा।

चर्चा में समाजवादी पार्टी के रामजी लाल सुमन, राजद के एडी सिंह, नेशनल कॉंफ्रेंस के चौधरी मोहम्मद रमजान, शिवसेना के मिलिंद मुरली देवरा, आप के राघव चड्ढा सहित अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया।

भाषा मनीषा अविनाश

अविनाश


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