वाराणसी को मई 2026 तक मिलेगी शहर के भीतर चलने वाली पहली रोप कार सेवा

वाराणसी को मई 2026 तक मिलेगी शहर के भीतर चलने वाली पहली रोप कार सेवा

वाराणसी को मई 2026 तक मिलेगी शहर के भीतर चलने वाली पहली रोप कार सेवा
Modified Date: December 9, 2025 / 03:19 pm IST
Published Date: December 9, 2025 3:19 pm IST

(एस विजय कार्तिक)

वाराणसी/चेन्नई, नौ दिसंबर (भाषा) तीर्थयात्रियों को रेलवे स्टेशन से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक ले जाने के लिए प्रस्तावित रोप कार (रोप-वे) सेवा का निर्माण कार्य जारी है और यह सेवा मई 2026 तक शुरू हो जाएगी। यह जानकारी एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने दी।

वाराणसी के मंडलायुक्त एस राजलिंगम ने कहा कि लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हो रही यह सेवा शहर के भीतर संचालित होने वाली भारत की पहली ऐसी सेवा होगी।

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उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे मई 2026 तक शुरू करने की योजना बना रहे हैं। फिलहाल इस पर काम जारी है।’’

राजलिंगम ने बताया कि शहर में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कई दौरों के बाद यह निर्णय लिया गया।

उन्होंने कहा कि पहले जहां प्रतिदिन 5,000 लोग मंदिर आते थे, वहीं आज यह संख्या लगभग दो लाख है। मंडलायुक्त ने कहा कि शहर की संकरी सड़कों के कारण मेट्रो रेल संभव नहीं थी, इसलिए रोप कार का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि यह चार किलोमीटर के खंड पर चलेगी, और यात्रा का समय 15-20 मिनट होगा।

अधिकारी के अनुसार, एक व्यक्ति का अनुमानित टिकट मूल्य 50 रुपये या 100 रुपये होगा। इसमें लगभग 148 गोंडोला (केबल कार) होंगी, प्रत्येक में 10 लोगों को ले जाया जा सकेगा। परिचालन शुरू होने के बाद प्रतिदिन एक लाख लोगों के इसमें यात्रा करने की उम्मीद है।

राजलिंगम ने कहा कि इस साल शहर में लगभग सात करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है और परिवहन को बढ़ाने के लिए जलमार्गों का उपयोग भी बढ़ाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘गंगा नदी पर अब 2,000 नौकाएं संचालित हो रही हैं, जो पहले 600 थीं। इसके अलावा, महत्वपूर्ण मार्गों पर इलेक्ट्रिक बस भी चलाई जा रही हैं।’’

राजलिंगम तमिलनाडु के कदयानल्लूर, तेनकासी के रहने वाले हैं और उन्होंने अप्रैल 2025 में वाराणसी के मंडलायुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था।

भाषा सुमित नेत्रपाल

नेत्रपाल


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