विहिप की कर्नाटक में मवेशी परिवहन कानून में ढील के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
विहिप की कर्नाटक में मवेशी परिवहन कानून में ढील के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी
उडुपी (कर्नाटक) छह दिसंबर (भाषा) विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने शनिवार को कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण अधिनियम, 2020 में प्रस्तावित संशोधन को तत्काल वापस लेने की मांग की और राज्य सरकार पर अवैध मवेशी परिवहन को रोकने वाले कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया।
संगठन की गो रक्षा शाखा, कर्नाटक दक्षिण ने 8 दिसंबर को जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन की घोषणा भी की है।
अधिकारियों के अनुसार, मौजूदा कानून में कथित अवैध मवेशी परिवहन के लिए जब्त किए गए वाहनों को छोड़ा जाना सुनिश्चित करने के लिए बैंक गारंटी अनिवार्य है।
चार दिसंबर को, राज्य मंत्रिमंडल ने एक संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसके तहत ऐसे वाहनों को क्षतिपूर्ति बांड पर छोड़ने का प्रावधान किया गया।
विहिप नेता और प्रांत गोरक्षा प्रमुख सुनील के.आर. ने उडुपी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का यह कदम ‘मवेशी चोरों के प्रति सहानुभूति’ के समान है और दावा किया कि यह ‘हिंदुओं को निशाना बनाने’ वाली व्यापक कार्रवाइयों का हिस्सा है।
उन्होंने दलील दी कि मौजूदा स्वरूप में यह कानून कड़ा है और अवैध पशु परिवहन और चोरी की घटनाओं को कम करने में इसकी अहम भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत, अपराधों में शामिल वाहनों को सरेंडर किया जा सकता है और दोषसिद्धि होने पर, अधिकारियों द्वारा स्थायी रूप से ज़ब्त किया जा सकता है। सुनील ने कहा, ‘इन प्रावधानों को कमज़ोर करने से अपराधियों का हौसला बढ़ेगा।’
विहिप नेता ने चेतावनी दी कि वाहनों को छोड़ने की प्रक्रिया को आसान बनाने से ना केवल उल्लंघनकर्ताओं को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि मवेशियों के प्रति क्रूरता भी बढ़ेगी।
सुनील ने दावा किया कि 2020 के कानून के सख्ती से लागू होने से मवेशियों से संबंधित अपराधों के मामलों में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि इन प्रावधानों को वापस लेने से ये लाभ खत्म हो सकते हैं और अवैध परिवहन में वृद्धि होगी।
उन्होंने दोहराया कि सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और मौजूदा कानून की शुचिता को बनाए रखना चाहिए।
भाषा
अमित रंजन
रंजन

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