विजयन ने जमात-ए-इस्लामी पर निशाना साधा, इसके नेताओं के साथ बैठक की बात स्वीकारी
विजयन ने जमात-ए-इस्लामी पर निशाना साधा, इसके नेताओं के साथ बैठक की बात स्वीकारी
कोझिकोड (केरल), सात दिसंबर (भाषा) मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी की अक्सर आलोचना करने वाले केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को कहा कि उन्होंने उनके अनुरोध पर उनके नेताओं से मुलाकात की थी।
कोझिकोड प्रेस क्लब में आयोजित ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए विजयन ने बैठक की पुष्टि की और कहा कि यह बैठक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की राज्य समिति कार्यालय में हुई।
विजयन ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे मिलने के लिए कहा, इसलिए वे माकपा राज्य समिति कार्यालय आए। लेकिन मैंने मुलाकात के दौरान उन्हें अच्छा नहीं बताया।’’
मुख्यमंत्री के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी के नेताओं ने पूरी बैठक में अपना रुख स्पष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि ‘सॉलिडैरिटी यूथ मूवमेंट’ के नेता भी इस बातचीत में मौजूद थे।
उन्होंने कहा, ‘‘जब उन्होंने ‘सॉलिडैरिटी यूथ मूवमेंट’ के नेता का परिचय कराया, तो मैंने उनके मुंह पर कहा कि वे अब सबसे बड़े असामाजिक तत्व हैं। वे मेरी प्रतिक्रिया से हैरान रह गए।’’
विजयन ने कहा कि उनकी इस तरह की प्रतिक्रिया की वजह से ‘सॉलिडैरिटी यूथ मूवमेंट ने ‘‘राज्य में सभी अच्छी पहलों का विरोध किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सच बोलने में नहीं हिचकते । न तब, न अब।’’
जमात-ए-इस्लामी एक मुस्लिम संगठन है जिसका अब माकपा और सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) विरोध कर रहा हैं। उनका आरोप है कि इसके कांग्रेस नीत विपक्षी लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के साथ घनिष्ठ संबंध हैं।
‘सॉलिडैरिटी यूथ मूवमेंट’ संगठन की युवा शाखा है। राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले आयोजित हालिया प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री लगातार जमात-ए-इस्लामी पर निशाना साधते रहे हैं और इसे ‘‘सांप्रदायिक समूह’’ कहते रहे हैं।
हालांकि, यूडीएफ ने दावा किया है कि एलडीएफ और माकपा ने अतीत में जमात-ए-इस्लामी के साथ बैठकें की थीं और चुनावों के दौरान उसका समर्थन मांगा था।
इस बीच, जमात-ए-इस्लामी केरल के सचिव शिहाब पुक्कोट्टूर ने मुख्यमंत्री के दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि संगठन ने अतीत में आयोजित बैठकों में कभी भी माकपा से कोई ‘‘अच्छा होने का प्रमाण पत्र’’ नहीं मांगा था।
पूक्कोट्टूर ने फेसबुक पर एक अखबार में छपी खबर को साझा करते हुए कहा कि विजयन का यह दावा कि बैठक केवल माकपा राज्य समिति कार्यालय में हुई थी, सही नहीं है।
उनके मुताबिक बैठक कई स्थानों पर हुई, जिनमें 31 मार्च 2011 को अलप्पुझा अतिथि गृह में हुई बैठक भी शामिल है।
पूक्कोट्टूर ने अखबार में छपी खबर रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘तत्कालीन माकपा के राज्य सचिव पिनराई विजयन ने वार्ता में हिस्सा लिया, जबकि जमात-ए-इस्लामी का प्रतिनिधित्व टी आरिफाली और शेख मुहम्मद करक्कुन्नू ने किया।’’
उन्होंने कहा कि माकपा ने संगठन से वोट मांगे थे, जो वास्तव में दिए गए।
पूक्कोट्टूर ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी को कभी भी वामपंथी पार्टी से किसी मान्यता की आवश्यकता नहीं पड़ी।
भाषा धीरज रंजन
रंजन

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