गणतंत्र दिवस पर हिंसा : अदालत ने लक्खा सिधाना को अग्रिम जमानत दी, कहा-‘मामला नहीं बनता’ |

गणतंत्र दिवस पर हिंसा : अदालत ने लक्खा सिधाना को अग्रिम जमानत दी, कहा-‘मामला नहीं बनता’

गणतंत्र दिवस पर हिंसा : अदालत ने लक्खा सिधाना को अग्रिम जमानत दी, कहा-‘मामला नहीं बनता’

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : July 29, 2021/10:41 pm IST

नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को गैंगस्टर से कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना को गणतंत्र दिवस पर लाल किले में हुई हिंसा में कथित संलिप्तता से संबंधित एक मामले में अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि उसके खिलाफ मामला नहीं बनता है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने कहा कि प्रारंभिक नजर में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे पता चले कि सिधाना लालकिला के भीतर मौजूद था और अगर ‘‘वह था भी तो उसके खिलाफ मामला नहीं बनता है।’’

न्यायाधीश ने कहा कि जांच अधिकारी यह नहीं बता पाए कि जांच के दौरान आरोपी को हिरासत में रखकर पूछताछ की क्यों जरूरत है। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी आश्वस्त नहीं है कि लाल किला के बाहर मौजूदा बहुत गंभीर अपराध और गैर जमानती है या नहीं। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मेरे विचार से इनमें अधिकतर मामले जमानती हैं।’’

अदालत ने 50,000 रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर अग्रिम जमानत मंजूर कर ली। सिधाना से अपना पासपोर्ट सौंपने और महीने में दो बार अपने रहने के स्थान के बारे में जांच अधिकारी को अवगत कराने तथा हर महीने के अंतिम शनिवार को पंजाब के बठिंडा जिले में एक थाने के प्रभारी के समक्ष पेश होने को भी कहा गया।

अतिरिक्त लोक अभियोजक रजत कालरा ने अदालत को बताया कि सिधाना हिंसा के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। हालांकि, सिधाना ने गणतंत्र दिवस पर हिंसा में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भिड़ंत हो गयी थी और लाल किला में उपद्रव मचाते हुए ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगा दिया था। हिंसा की घटनाओं में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

भाषा आशीष उमा

उमा

 

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