नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी समीर वानखेड़े ने मंगलवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष विजय सांपला से मुलाकात की और जाति प्रमाण पत्र विवाद में जल्दी क्लीनचिट देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
वानखेड़े पर सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए फर्जी जाति प्रमाणपत्र जमा करने का आरोप था।
स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोन के पूर्व निदेशक वानखेड़े ने इस मुलाकात के बाद कहा, ‘‘मैंने 11 महीने तक लड़ाई लड़ी, इस प्रक्रिया में मेरे पूरे परिवार को कष्ट भुगतना करना पड़ा, लेकिन मैं सिर्फ यही कहना चाहता हूं -सत्यमेव जयते। मैं विजय सांपला को (प्रक्रिया) तेज करने में उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद देता हूं …।’’
इससे पहले शुक्रवार को वानखेड़े को महाराष्ट्र की जाति जांच समिति ने ‘क्लीन चिट’ दे दी। समिति ने अपने आदेश में कहा कि वानखेड़े जन्म से मुस्लिम नहीं थे तथा यह साबित हो गया है कि वह महार जाति से हैं, जो अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी में आती है।
समिति का आदेश मिलने के बाद वानखेड़े ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाणपत्र जमा कराया था।
शिकायत के आधार पर राकांपा नेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि के लिए सजा), 501 (मानहानि कारक सामग्री का मुद्रण) तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भाषा अविनाश दिलीप
दिलीप
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