पश्चिम बंगाल के कॉलेज स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नयी व्यवस्था तैयार करने में जुटे

पश्चिम बंगाल के कॉलेज स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नयी व्यवस्था तैयार करने में जुटे

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  • Publish Date - July 24, 2021 / 04:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

कोलकाता, 24 जुलाई (भाषा) कोलकाता स्थिति महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों और सरकारी यादवपुर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि इस साल पश्चिम बंगाल में उच्चतर माध्यमिक परीक्षा अधिक वैज्ञानिक और तार्किक रहे।

उच्च शिक्षण संस्थानों के अधिकारियों ने बताया कि वे आईएससी और सीबीएसई के नतीजे आने के बाद स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में बिना किसी परीक्षा प्रवेश के लिए नयी व्यवस्था तैयार करेंगे।

लेडी ब्रेबोर्न कॉलेज की प्रधानाचार्य सिउली सरकार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इस साल उच्चतर माध्यमिक कक्षा के परिणाम अधिक संतुलित और उचित तरीके से वैज्ञानिक मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत आने की उम्मीद है और यहां तक कि अगर कोई उम्मीदवार महसूस करता है कि वह ऑफलाइन परीक्षा में बेहतर किया होता, तो ऐसों की संख्या अधिक नहीं होगी।’’

सरकार ने कहा कि कॉलेज ऐसी व्यवस्था पर विचार कर रहा है जिसमें वर्ष 2019 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा के अंक को प्रवेश के दौरान न्यूनतम अर्हता अंक के साथ संबंधित कला और विज्ञान संकाय के विषयों में महत्व दिया जाए।

स्कॉटिश चर्च कॉलेज के प्रवक्ता ने बताया कि उनके संस्थान ने मोटे तौर पर फैसला किया है कि प्रवेश के दौरान उच्चतर माध्यमिक (12वीं कक्षा) के साथ-साथ 10वीं बोर्ड परीक्षा के अंकों के लिए भारांक दिया जाए। हालांकि, अन्य बोर्ड के नतीजों की समीक्षा के आधार पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

यादवपुर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि संस्थान ने राज्य उच्च शिक्षा विभाग को विज्ञान संकाय के विषयों में प्रवेश के लिए 80:20 का फार्मूला दिया है।

उन्होंने बताया, ‘‘फार्मूला के तहत 80 प्रतिशत अंक विद्यार्थी को 10वीं और 12वीं कक्षा में किए गए प्रदर्शन के आधार पर देने और शेष 20 प्रतिशत अंक विद्यार्थी के साथ ऑनलाइन चर्चा, संवाद के आधार पर देने का प्रस्ताव है। हालांकि, कोई ऑफलाइन परीक्षा नहीं हो सकती है, ऐसे में हमने उच्च शिक्षा विभाग से इस फार्मूले में उम्मीदवार से ऑनलाइन चर्चा की व्यवहारिकता पर राय मांगी है, जैसा कि हमारे शिक्षकों और प्रबंधन ने विचार किया है।’’ अधिकारी के मुताबिक अगले सप्ताह शनिवार तक इस मामले पर फैसला ले लिया जाएगा।

भाषा धीरज उमा

उमा