दलितों पर अत्याचार हो तो संविधान दिवस मनाने का क्या औचित्य: प्रियंका |

दलितों पर अत्याचार हो तो संविधान दिवस मनाने का क्या औचित्य: प्रियंका

दलितों पर अत्याचार हो तो संविधान दिवस मनाने का क्या औचित्य: प्रियंका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : November 26, 2021/7:48 pm IST

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) , 26 नवंबर (भाषा) प्रयागराज जिले के गंगापार फाफामऊ के एक गांव में दलित परिवार के चार लोगों की हत्या की घटना पर दुख व्यक्त करने शुक्रवार को यहां पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार हो रहा है, ऐसे में संविधान दिवस मनाने का क्या औचित्य है।

पीड़ित परिवार से मिलकर उनकी पीड़ा साझा करने के बाद प्रियंका ने कहा, “इससे पहले इस परिवार के साथ 2019 में फिर 2020 में और 2021 के सितंबर में मारपीट की गई और अब उनकी हत्या कर दी गई।”

उन्होंने कहा, “जब दबंगों ने 2019 में इस दलित परिवार के साथ मारपीट की थी तो पुलिस ने पहले कार्रवाई क्यों नहीं की और इन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी। प्रदेश में जहां -जहां मैं जा रही हूं, मैं देख रही हूं कि दलितों को न्याय नहीं मिल रहा है।”

प्रियंका ने कहा, “यहां दलितों के लिए, किसानों के लिए, महिलाओं के लिए न्याय नहीं है। न्याय केवल उन लोगों के लिए जिनकी सत्ता है और जो बड़े बड़े उद्योगपति हैं। मैं दो साल से उत्तर प्रदेश का दौरा कर रही हूं और यह स्पष्ट दिख रहा है कि संविधान को नष्ट किया जा रहा है।”

चुनावी मौसम में प्रदेश का दौरा करने के विपक्ष के आरोप पर कांग्रेस महासचिव ने कहा, “वे कुछ भी कह लें, मैं लोगों की आवाज उठाती रहूंगी। मैं इनके खिलाफ लड़ती रहूंगी। जहां अन्याय हो रहा है वहां जाती रहूंगी और मैं उनके साथ खड़ी रहूंगी।”

उन्होंने कहा, “आगरा को देखिये वहां अरुण वाल्मिकी का साथ क्या हुआ। हाथरस में क्या हुआ, यहां क्या हो रहा है। दलितों पर जो अत्याचार हो रहा है क्या सब चुप बैठकर देखते रहेंगे।”

प्रियंका ने बताया ,‘‘ उन्हें जो वीडियो दिखाया गया है और जो बताया गया है, उसको लेकर वह हिल गई हैं। पूरा परिवार दहशत में है और परिवार के लोग कह रहे हैं कि उनके साथ क्या होगा पता नहीं। पुलिस से इन्हें सहयोग नहीं मिला। पीड़ित परिवार की महिलाओं ने बताया कि जब वे शिकायत करने थाना जाती थीं तो पुलिस वाले उनका मजाक उड़ाते थे।’’

कांग्रेस महासचिव शाम लगभग चार बजे बम्हरौली हवाईअड्डे पर उतरीं और वहां से पार्टी के नेताओं के साथ स्वराज भवन आईं जहां कुछ समय रहने के बाद वह सीधे फाफामऊ पहुंचीं और पीड़ित परिवार से मिलीं।

उल्लेखनीय है कि प्रयागराज के गंगापार स्थित फाफामऊ के लाल मोहन गंज गांव में बुधवार की रात फूलचंद (50 वर्ष), उसकी पत्नी मीनू देवी (45 वर्ष), बेटी सपना (17 वर्ष) और बेटा शिवा (13 वर्ष) की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। पड़ोस के ही सामंती गुंडों पर हत्या का आरोप है।

भाषा राजेंद्र राजकुमार

राजकुमार

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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