नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र ने कोरोना वायरस महामारी के कारण सामने आई बाधाओं के बावजूद अपनी पोलियो मुक्त स्थिति को बनाए रखा, लेकिन इसे विश्व स्तर पर पोलियो के बढ़ते खतरों को देखते हुए और कदम उठाने की आवश्यकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि देश इस संबंध में प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुछ कमियां बनी हुई है, खासकर उप-राष्ट्रीय स्तर पर।
क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा के वास्ते पोलियो उन्मूलन के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय प्रमाणन आयोग की बैठक में सिंह ने कहा, ‘‘हमें निगरानी और टीकाकरण दायरा बढ़ाने की जरूरत है, और पोलियो के मामले बढ़ने की स्थिति में तेजी से और समय पर इससे निपटने के वास्ते पोलियो प्रतिक्रिया क्षमताओं को अद्यतन करने की आवश्यकता है।’’
आयोग ने कहा, ‘‘जब तक वैश्विक स्तर पर पोलियो उन्मूलन हासिल नहीं हो जाता, तब तक स्थिति पर लगातार निगरानी रखने की जरूरत है।’’
सिंह ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र में पोलियो नेटवर्क और टीकाकरण प्रणाली को मजबूत करने से इस बीमारी से निपटने में मदद मिलेगी।
इस महीने की शुरुआत में, न्यूयॉर्क ने अपशिष्ट जल के नमूनों में पोलियो वायरस का पता चलने के बाद आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी।
डब्ल्यूएचओ ने बयान में कहा कि हाल के महीनों में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, मलावी और मोजाम्बिक में पोलियो वायरस टाइप एक के मामले सामने आए हैं।
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव
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