Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ के किस बदलाव का हो रहा है विरोध?.. आखिर मोदी सरकार कैसे कर रही बोर्ड के कानूनों को कमजोर, आप भी जाने
Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ के किस बदलाव का हो रहा है विरोध?.. आखिर मोदी सरकार कैसे कर रही बोर्ड के कानूनों को कमजोर, आप भी जाने
Why is the change in Waqf being opposed?
Why is the change in Waqf being opposed? : नई दिल्ली। संसद में आज संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू वक्फ बिल पेश किया है। इस कांग्रेस और सपा के सांसदों ने आपत्ति दर्ज कराई है, आइए जानते हैं इस बिल से जुड़ी ये खास बातें।
- सरकार वक्फ से जुड़े दो बिल संसद में लाई एक बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 को समाप्त किया जाएगा। दूसरे बिल के जरिए वक्फ कानून 1995 में महत्वपूर्ण संशोधन होंगे।
- अब तक वक्फ अधिनियम, 1995 नाम था। अब संशोधन विधेयक को नया नाम दिया गया।
- इसे ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ नाम दिया गया है।
- संशोधन विधेयक में जो व्यक्ति कम से कम पांच साल से मुस्लिम धर्म का पालन कर रहा है वही अपनी चल अचल संपत्ति को वक्फ को दान कर सकता है।
- वक्फ-अलल-औलाद महिलाओं के विरासत अधिकारों से इनकार नहीं कर
सकता है। - वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 को हटाया जा रहा है। इस कानून के तह वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार था। लेकिन अब संपत्ति को लेकर अधिकारों पर कैंची चला दी गई है।
- वक्फ अधिनियम की धारा 40 पर सबसे ज्यादा विवाद है। धारा 40 में प्रावधान है कि अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति को वक्फ संपत्ति समझता है तो वो उसे नोटिस देकर और फिर जांच करके तय कर सकता है कि वो वक्फ की जमीन है।
- वो यह भी तय कर सकता है कि ये शिया वक्फ है या फिर सुन्नी। वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ सिर्फ ट्रिब्यूनल में ही जाने का अधिकार है। संशोधन विधेयक में कलेक्टर या डिप्टी कलेक्टर ही सर्वे कमिश्नर होगा।
Waqf amendment bill 2024
Why is the change in Waqf being opposed? जानें नेताओं की प्रतिक्रिया
मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का कल्याण होगा : रिजिजू
विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विधेयक में किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ संशोधन पहली बार सदन में पेश नहीं किया गया है। आजादी के बाद सबसे पहले 1954 में यह विधेयक लाया गया। इसके बाद कई संशोधन किए गए।” रिजिजू ने कहा कि व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद यह संशोधन विधेयक लाया गया है, जिससे मुस्लिम महिलाओं और बच्चों का कल्याण होगा। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय बनी सच्चर समिति और एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का उल्लेख किया और कहा कि इनकी सिफारिशों के आधार पर यह विधेयक लाया गया।
आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला : वेणुगोपाल
विपक्षी दलों ने वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान और संघवाद पर हमला है तथा अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संविधान पर हमला है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय के आदेश से अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन किया गया। क्या कोई गैर हिंदू इसका सदस्य हो सकता है। फिर वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्य की बात क्यों की जा रही है?” वेणुगोपाल ने दावा किया कि यह विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी आप मुस्लिम पर हमला कर रहे हैं, फिर ईसाई पर करेंगे, उसके बाद जैन पर करेंगे।”
यह संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला : ओवैसी
वक्फ संशोधन विधेयक का AIMIM चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला है। वक्फ संशोधन बिल मनमाना और भेदभावपूर्ण है। वहीं NCP-SCP सांसद सुप्रिया सुले ने विधेयक का विरोध करते हुए लोकसभा में पेश करने से पहले इसे स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की। सुले ने कहा कि विधेयक को अधिक सिफारिशों के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए या एक संयुक्त संसदीय समिति बनाई जानी चाहिए। वहीं कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने वक्फ अधिनियम संशोधन विधेयक का विरोध किया है।
ये बिल पारदर्शिता के लिए, मुसलमान विरोधी नहीं : JDU
Why is the change in Waqf being opposed? संसद में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने वक्फ बिल का समर्थन किया है। विपक्ष पर पलटवार करते हुए ललन सिंह ने कहा कि ये बिल मुसलमान विरोधी नहीं है। मंदिर की बात कहां से आ गई। कोई भी संस्था जब निरंकुश होगी तो सरकार उस पर अंकुश लगाने के लिए, पारदर्शिता के लिए कानून बनाएगी। ये उसका अधिकार है। पारदर्शिता होनी चाहिए और ये बिल पारदर्शिता के लिए है। उन्होंने कहा कि ये अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, सिखों का कत्लेआम किसने किया था।

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