भुवनेश्वर, पांच दिसंबर (भाषा) ओडिशा के उपमुख्यमंत्री के.वी. सिंह देव ने किसानों, वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों से भविष्य की पीढ़ियों के लिए मिट्टी उर्वरता को संरक्षित करने के वास्ते जैविक तथा पर्यावरण-अनुकूल कृषि तकनीकों को अपनाने की शुक्रवार को अपील की।
इस वर्ष विश्व मृदा दिवस ‘हेल्थी सॉइल फॉर हेल्थी सिटीज’ थीम पर मनाया जा रहा है। सिंह देव ने इस अवसर पर यहां आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पोषक तत्वों से पूर्ण मृदा कृषि की जीवन रेखा के साथ ही खाद्य सुरक्षा की नींव और सतत विकास का आधार है।
उपमुख्यमंत्री के साथ ही कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग के प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह देव ने कहा, ‘‘मैं किसानों, वैज्ञानिकों और अन्य संबंधित लोगों से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे मृदा की उर्वरता को भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने के मकसद से रासायनिक सामग्री के उपयोग कम करें, जैविक कृषि को बढ़ावा दें।’’
उन्होंने कहा कि इस वर्ष की थीम इस बात पर केंद्रित है कि खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण संतुलन, स्वच्छ वायु, स्वच्छ जन और बढ़ते शहरीकरण में बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने में पोषक तत्वों से पूर्ण मृदा किस तरह अहम भूमिका निभाती है।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे इस महत्वपूर्ण संसाधन के संरक्षण की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी की पुष्टि करने में किसानों और नीति निर्माताओं के साथ शामिल होने का सौभाग्य मिला।’’
इस अवसर कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग के प्रधान सचिव अरबिंद पाढ़ी ने राज्य भर में मृदा परीक्षण सुविधाओं को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मृदा हमारे जीवन की आधारशिला है और वह अक्षय शक्ति है जो पृथ्वी पर जीवन के प्रवाह और निरंतरता को बनाए रखती है। हमारा भोजन, पानी और पर्यावरण संतुलन सभी इस अमूल्य प्राकृतिक संसाधन पर निर्भर करते हैं। इसलिए, ‘विश्व मृदा दिवस’ के इस अवसर पर आइए हम सब मिलकर इस मिट्टी की गुणवत्ता और सुरक्षा को बनाए रखने की दिशा में काम करें।’’
भाषा यासिर धीरज
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