केंद्र कर रहा सफाई का दावा,उधर वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की रिपोर्ट- गंगा दुनिया की सबसे संकटग्रस्त नदी

केंद्र कर रहा सफाई का दावा,उधर वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड की रिपोर्ट- गंगा दुनिया की सबसे संकटग्रस्त नदी

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  • Publish Date - September 3, 2018 / 10:02 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार भले ही गंगा की सफाई का ढिंढोरा पीट रही हो लेकिन वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड ने कहा है कि गंगा विश्व की सबसे अधिक संकटग्रस्त नदियों में से एक है क्योंकि लगभग सभी दूसरी भारतीय नदियों की तरह गंगा में लगातार पहले बाढ़ और फिर सूखे की स्थिति पैदा हो रही है

बता दें कि गंगा 2,071 किलोमीटर क्षेत्र में बहती है। उसके बाद बांग्लादेश में अपनी सहायक नदियों के साथ 10 लाख वर्ग किलीमीटर क्षेत्रफल का विशान उपजाऊ मैदान बनाती है। गंगा नदी के रास्ते में पड़ने वाले राज्यों में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं

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गंगा में उत्तर की ओर से आकर मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियों में यमुना, रामगंगा, करनाली (घाघरा), ताप्ती, गंडक, कोसी और काक्षी हैं जबकि दक्षिण के पठार से आकर मिलने वाली प्रमुख नदियों में चंबल, सोन, बेतवा, केन, दक्षिणी टोस आदि शामिल हैं यमुना गंगा की सबसे प्रमुख सहायक नदी है, जो हिमालय की बन्दरपूंछ चोटी के यमुनोत्री हिमखण्ड से निकलती है

गंगा उत्तराखंड में 110 किमी, उत्तर प्रदेश में 1,450 किलोमीटर, बिहार में 445 किमी और पश्चिम बंगाल में 520 किमी का सफर तय करते हुए बंगाल की खाड़ी में मिलती है

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गौरतलब है कि देश के सबसे पवित्र तीर्थस्थानों में शुमार ऋषिकेश, हरिद्वार, प्रयाग और काशी, गंगा के तट पर स्थित हैं इसके अलावा केदारनाथ, बद्रीनाथ और गोमुख गंगा और उसकी उपनदियों के किनारे स्थित तीर्थ स्थानों में से एक हैं जिन चार स्थानों पर कुंभ मेला लगता है, उनमें से दो शहर हरिद्वार और प्रयाग गंगा तट पर स्थित हैं

एक रिपोर्ट के मुताबिक गंगा ऋषिकेश से ही प्रदूषित हो रही है गंगा किनारे लगातार बसती जा रही बस्तियों चन्द्रभागा, मायाकुंड, शीशम झाड़ी में शौचालय तक नहीं हैं इसलिए यह गंदगी भी गंगा में मिल रही है, कानपुर की ओर 400 किमी उलटा जाने पर गंगा की दशा सबसे दयनीय दिखती है

वेब डेस्क, IBC24