यमुना का पानी 33 में से 22 स्थानों पर गुणवत्ता परीक्षण में विफल : मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया
यमुना का पानी 33 में से 22 स्थानों पर गुणवत्ता परीक्षण में विफल : मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया
नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि निगरानी वाले यमुना नदी के 33 स्थानों में से 22 स्थानों पर 2024 में पानी की गुणवत्ता केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मानकों पर खरी नहीं उतरी।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने संसद की स्थायी समिति के समक्ष प्रस्तुति में कहा कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में क्रमशः सभी सात और 12 स्थान स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता मानदंड पर खरे नहीं उतरे, जबकि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सभी चार स्थान इस मानदंड पर खरे उतरे।
इसने कहा कि हरियाणा में यमुना के छह स्थानों में से तीन आवश्यक मानदंडों पर खरे उतरे, जबकि तीन स्थान मानदंड पूरा करने में विफल रहे।
सीपीसीबी का राष्ट्रीय जल निगरानी कार्यक्रम (एनडब्ल्यूएमपी) घुलित ऑक्सीजन (डीओ), जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बीओडी), पीएच और ‘फेकल कोलीफॉर्म’ के मापदंडों के तहत पानी का मूल्यांकन करता है।
समिति के समक्ष अपने प्रस्तुतीकरण में मंत्रालय ने कहा कि फरवरी 2025 के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में उत्पन्न कुल 3,600 एमएलडी जलमल में से 791 एमएलडी (मेगालीटर प्रतिदिन) अशोधित रह जाता है।
मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जनवरी 2023 में यमुना नदी में प्रदूषण को रोकने के वास्ते कार्ययोजना की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था।
भाषा नेत्रपाल रंजन
रंजन

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