नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि योग शारीरिक व्यायाम और आध्यात्मिकता का मिश्रण है तथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस संतुलित जीवनशैली बनाए रखने में इसके महत्व को रेखांकित करता है।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि प्रधान न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के साथी न्यायाधीशों एवं कर्मचारियों ने 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शीर्ष अदालत परिसर में आयोजित एक विशेष योग सत्र में हिस्सा लिया और विभिन्न प्रकार के प्राणायाम एवं योगासन किये।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने हिंदी में दिये अपने संबोधन में कहा कि यह उत्सव का दिन है।
उन्होंने योग में चार ‘स’- सिद्धांत, समन्वय, सद्भावना और सशक्तीकरण)- के महत्व को रेखांकित किया।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने शाकाहारी (वेगन) होने के अपने अनुभवों के बारे में भी बात की, जिसकी अवधारणा हर जीवित प्राणी के प्रति समान सम्मान दिखाने के सिद्धांत पर आधारित है।
योग दिवस पर उच्चतम न्यायालय परिसर में एक विशेष सफाई अभियान भी चलाया गया।
योगाभ्यास के दौरान तीन बार के अंतरराष्ट्रीय चैंपियन एवं दिव्यांग अधिवक्ता तेजस्वी कुमार शर्मा ने विभिन्न प्रकार के योगासन किये।
बयान में कहा गया है कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम ने योगासनों में संगीत की लयकारी वाले कदमतालों को मिलाकर योग फ्यूजन नृत्य का प्रदर्शन किया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है।
भाषा सुरेश पवनेश
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