नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी राज्य के दर्जे की मांग को लेकर संसद के वर्तमान सत्र में निजी सदस्य विधेयक पेश करेगी।
विधेयक में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में संशोधन का प्रावधान है। इसे शुक्रवार को लोकसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया था लेकिन सदन की कार्यवाही स्थगित होने के चलते इसे पेश नहीं किया जा सका।
अनंतपुर सीट से लोकसभा सदस्य तलारी रंगैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, “विशेष श्रेणी के दर्जे की हमारी लंबे समय से लंबित मांग सरकार द्वारा पूरी नहीं की गई है। निजी सदस्य विधेयक लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।”
उन्होंने कहा कि पार्टी सदस्यों और मुख्यमंत्री ने पिछले कुछ वर्षों में संसद के भीतर और बाहर इस मुद्दे को कई बार उठाया है, लेकिन दुर्भाग्य से केंद्र सरकार ने राज्य के विभाजन के दौरान किए गए अपने वादे को पूरा नहीं किया है।
रंगैया ने कहा कि इस निजी सदस्य विधेयक के जरिए वाईएसआरसीपी इस मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाना चाहती है जो आंध्र प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने विपक्षी दलों से समर्थन मिलने का भरोसा जताया।
चित्तूर से लोकसभा सदस्य एन. रेड्डीप्पा ने कहा कि पार्टी ने विशाखापत्तनम में एक रेलवे जोन स्थापित करने, अमरावती में एम्स के लिए 5,000 करोड़ रुपये के आवंटन और नदियों को जोड़ने की परियोजना के लिए बजटीय आवंटन की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि पार्टी मांगें पूरी होने तक संघर्ष करती रहेगी।
नरसापुरम से सांसद सुभाष चंद्र बोस अल्लूरी ने कहा कि राज्य के विकास के लिए धन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विशेष श्रेणी का दर्जा आंध्र प्रदेश को अधिक निवेश आकर्षित करने और अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद करेगा।
साल 2014 में, आंध्र प्रदेश के विभाजन के दौरान कांग्रेस ने उसे विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। भाजपा ने 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान भी इसको लेकर वादा किया था।
भाषा नोमान अमित
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