विकी कौशल उतरेंगे रंगमंच पर!

विकी कौशल उतरेंगे रंगमंच पर!

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  • Publish Date - December 4, 2022 / 07:26 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

लोग कम ही जानते हैं कि फिल्मों में पारी शुरू करने से पहले यह थिएटर ही था, जहां से विकी कौशल ने अभिनय के क्षेत्र में अपना पहला कदम रखा था। अनुराग कश्यप का सहायक बनने के तुरंत बाद ही उन्हें बहुप्रशंसित फिल्म ‘मसान’ में शीर्ष भूमिका मिल गई थी। तब का दिन है और आज का दिन, इस नौजवान छोकरे ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह साल उनके लिए शायद सबसे ज्यादा फलदायी सिद्ध हुआ है क्योंकि विकी अपनी तीन बड़ी फिल्मों की शूटिंग पहले ही पूरी कर चुके हैं, जो दरअसल 2018 के पूर्वार्द्ध में एक के बाद एक रिलीज होंगी। ‘राज़ी’ में जहां वह आलिया भट्ट के ऑपोजिट नजर आएंगे तो वहीं संजय दत्त के जीवन पर आधारित फिल्म में एक केंद्रीय भूमिका में दिखाई देंगे और ‘लव पर स्क्वेयर फुट’ में वह अपना रोमांटिक हीरो वाला पक्ष दर्शाएंगे।

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   विकी भारतीय सेना द्वारा उरी सेक्टर में की गई सर्जिकल स्ट्राइक की रियल लाइफ स्टोरी पर आधारित फिल्म में अपने शीर्ष किरदार के लिए शूटिंग प्रारंभ करेंगे। लेकिन इससे ठीक पहले एक ख़ास प्रयोजन के लिए विकी रंगमंच पर उतर रहे हैं। यह’36 घंटे’ नाम का आगामी नाटक है जिसे 10 लेखक अलग-अलग लिख रहे हैं। आगे चलकर इन्हें 10 निर्देशकों द्वारा क्रमरहित ढंग से चुना जाएगा और प्रत्येक निर्देशक को इन्हें मिलाकर एक नाटक में ढालने के लिए 12-12 घंटे का समय दिया जाएगा। विशेष शो में विकी भूमिका निभाएंगे और शो का अभिनेता होने के चलते विकी को अंतिम प्रदर्शन से 12 घंटे पहले ही बताया जाएगा कि उनका निर्देशक कौन है और वह किस नाटक का हिस्सा हैं। यह प्रदर्शन मुंबई में इस माह के आखिर में होगा।

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नाटक के बारे में पूछने पर विकी ने बताया, “तो ‘छत्तीस घंटे’ नामक इस प्ले की अवधारणा मुझे बेहद उत्तेजक और रोमांचकारी लगी क्योंकि यह नाटक सिर्फ इसी एक बार मंचित किया जाना है, सिर्फ एक ही रात को मंचित किया जाना है और इसे दोबारा फिर कभी मंचित नहीं किया जाएगा। संकल्पना यह है कि एक्टर को शो से महज 12 घंटे पहले ही यह पता चल सकेगा कि उसके सहायक-अभिनेता कौन हैं, स्क्रिप्ट क्या है और नाटक का निर्देशक कौन है। इसलिए नाटक की तैयारी के लिए उन्हें जो भी करना है,उन 12 घंटों में ही करना है। यही वजह थी कि नाटक में भाग लेना मुझे बड़ा रोमांचक लगा। यह रेज प्रोडक्शंस द्वारा उठाया गया महान कदम भी है क्योंकि इससे थिएटर के लिए धनराशि जुटाई जानी है। टिकट बिक्री से प्राप्त पूरी धनराशि बैकस्टेज काम करने वालों को दी जाएगी। ये लोग थिएटर में बरसों से काम करते चले आ रहे हैं लेकिन चूंकि ये बैकस्टेज काम करते हैं, हम इनसे अपरिचित ही रह जाते हैं। हकीकत यह है कि अभिनेताओं, निर्देशकों और नाट्यलेखकों की ही भांति ये लोग भी थिएटर के स्तंभ होते हैं। ये वे लोग हैं जो सेट तैयार करते हैं, मेक-अप आर्टिस्ट होते हैं, कास्ट्यूम विभाग के लोग होते हैं, ड्रेस दादा होते हैं और इसी तरह के बैकस्टेज काम करने वाले तमाम लोग हैं जिनके बीच जुटाई गई पूरी धनराशि वितरित कर दी जाएगी। मेरा मानना है कि यह रेज प्रोडक्शंस का महान…महान…महान कार्य है! मेरी इस धारणा का कारण यह है कि इसके साथ कोई वचनबद्धता नहीं जुड़ी है। यह मात्र एक दिन की प्रतिबद्धता है। रचनात्मक व्यक्तियों के लिए एक बेहद जिम्मेदारीपूर्ण प्रक्रिया के साथ सम्पन्न किया जा रहा यह एक नेक और महान कार्य है। इसीलिए इसका हिस्सा बनकर मुझे रोमांच का अनुभव हो रहा है।” 

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कहा जा सकता है कि किसी भी अभिनेता के लिए वाकई यह एक चरम सीमा की चुनौती है कि वह महज आधा दिन के नोटिस पर रंगमंच में उतरकर बेहतरीन प्रदर्शन के लिए खुद को पूरी तरह तैयार कर सके!