Shardiya Navratri 2022: पंचमी तिथि आज, इन रंगों के वस्त्र धारण कर ‘मां स्कंदमाता’ की पूजा करने से मिलेगा मनचाहा फल

Shardiya Navratri 2022: मान्यता है कि मां दुर्गा के पंचम स्वरूप देवी स्कंदमाता की उपासना से महिलाओं की सूनी गोद भर जाती है

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  • Publish Date - September 30, 2022 / 08:36 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:00 AM IST

नई दिल्ली। Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां दुर्गा के पंचम स्वरूप देवी स्कंदमाता की उपासना से महिलाओं की सूनी गोद भर जाती है और जीवन खुशहाली से परिपूर्ण रहता है। आज मां को प्रसन्न करने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखकर पूजन करने से भक्तों की हर पीड़ा दूर हो जाएगी।

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नवरात्रि में पंचमी के दिन का शुभ रंग

Shardiya Navratri 2022: मां स्कंदमाता की उपासना में हरे रंग का उपयोग करें। मान्यताओं के मुताबिक इससे देवी बेहद प्रसन्न होती है और साधक को जीवन ऊर्जा से भर जाता है। हरा रंग कुछ नया करने के लिए प्रेरित करता है।

ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा

Shardiya Navratri 2022: पंचमी यानी आज के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद हरे रंग के वस्त्र पहने और देवी को हरी चूड़ी, हरी साड़ी, मेहंदी, सिंदूर, रौली, अक्षत अर्पित करें। इस दिन हरी चुनरी में नारियल रखकर “नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भ सम्भवा. ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी” इस मंत्र का 108 बार जाप करें और नारियल को बांधकर हमेशा अपने सिरहाने पर रखें। माना जाता है कि इससे सूनी गोद जल्द हरी-भरी हो जाती है अर्थात संतान सुख के योग बनते हैं।

मां स्कंदमाता मंत्र

बीज मंत्र – ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:

ध्यान मंत्र – सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

पूजा मंत्र – या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

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देवी स्कंदमाता का फूल 

Shardiya Navratri 2022: कहा जाता है कि देवी स्कंदमाता को भी पीले रंग का फूल पसंद है। देवी की पूजा करने से स्वंय भगवान कार्तिकेय की उपासना भी हो जाती है। स्कंद देव यानी भगवान कार्तिकेय को देवों का सेनापति माना जाता है। इनकी पूजा से व्रती को मनचाहा फल मिलता है।

देवी स्कंदमाता का भोग

Shardiya Navratri 2022: मां स्कंदमाता का भोग अति प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि देवी को पूजा में केले का नेवैद्य लगान से स्वास्थ लाभ मिलता और संतान प्राप्ति होती हैं।  ऊं स्कंदमात्रै नम: मंत्र बोलते हुए मां को भोग लगाएं इससे प्रार्थना जल्द स्वीकार होगी।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। IBC 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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