Motilal Nehru Birthday Anniversary

Motilal Nehru Birthday Anniversary: बचपन से ही संघर्ष में गुजरा मोतीलाल नेहरू का जीवन, बड़े भाई की मदद से बने थे वकील

Motilal Nehru Birthday Anniversary : बचपन से ही संघर्ष में गुजरा मोतीलाल नेहरू का जीवन, बड़े भाई की मदद से बने थे वकील

Edited By :   Modified Date:  May 6, 2023 / 07:08 AM IST, Published Date : May 6, 2023/7:08 am IST

नई दिल्ली। Motilal Nehru Birthday Anniversary अगर कोई मोतीलाल नेहरू को सिर्फ भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के पिता के तौर पर जानता है तो यह मानना मुश्किल होगा कि वह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में जानकारी रखता है। मोतीलाल नेहरू भारत के स्वतंत्रता सेनानी और बहुत ही अमीर और मशहूर वकील थे। राजनैतिक तौर पर प्रभाव तो पहले से था, पर महात्मा गांधी के संपर्क में आने के बाद उन्होंने अपने ठाठ बाट वाली जीवन शैली त्याग दिया। लेकिन उनका बचपन संघर्ष में गुजरा था और उनके बड़े भाई ने उनकी शिक्षा में मदद की जिससे उनका वकील बनना संभव हो सका। 6 मई को मोतीलाल नेहरू की जयंती है। उनका भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उल्लेखनीय योगदान था।

Read More: फ्रांस के दौरे पर जायेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बैस्टिल डे परेड में होंगे खास मेहमान, मैक्रोन ने किया ट्वीट

जन्म से पहले ही हो गए थे बुरे हालात

Motilal Nehru Birthday Anniversary 1857 के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय ही मोतीलाल नेहरू के पिता गंगाधर को दिल्ली छोड़ना पड़ा था उस समय वे दिल्ली में कोतवाल थे और तब तक मोतीलाल नेहरू का जन्म भी नहीं हुआ था। लेकिन बगावत के दौरान उनका घर लूटकर जला दिया गया था। वे सपरिवार अपने रिश्तेदारों के साथ आगरा आ गए। लेकिन मोतीलाल के पैदा होने के तीन महीने पहले ही गंगाधर नेहरू का देहांत हो गया।

Read More: आज कांग्रेस का दामन थामेंगे दीपक जोशी, PCC चीफ कमलनाथ दिलवाएंगे सदस्यता 

शुरुआती बचपन था संघर्ष का समय

मोतीलाल नेहरू का जन्म 6 मई 1861 को आगरा में हुआ था। पैदा होने के साथ ही मोतीलाल नेहरू के लालन पालन का भार उनकी माता इंद्राणी और उनके बड़े भाई नंदलाल नेहरू पर आ गया था। पिता की मौत के समय नंदलाल 16 और बंसीधर 19 साल के थे। मामा ने परिवार की मदद की थी।

Read More: प्रदेशभर में होंगे हनुमान चालीसा के पाठ, कांग्रेस करेगी भाजपा, बजरंग दल के सद्बुद्धि की कामना

खेतड़ी में बचपन

जल्द ही नंदलाल को राजस्थान के खेतड़ी में क्लर्क की नौकरी मिली और उन्होंने परिवार के साथ मोतीलाल को अपने ही वंशज की तरह पाला। इस तरह मोतीलाल का बचपन खेतड़ी में बीता जो उस समय जयपुर रियासत की दूसरी सबसे बड़ी जागीर थी जिससे ठिकाना कहा जाता था। बड़े भाई नंदलाल को खेतड़ी के राजा फतेह सिंह का सहयोग मिला और जल्दी ही नंदलाल जागीर के दीवान हो गए, लेकिन फतेह सिंह की मौत के बाद नंदलाल को खेतड़ी छोड़ना पड़ा और पूरा नेहरू परिवार आगरा आ गया।

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

 
Flowers