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#IBC24MINDSUMMIT: जबलपुर, रीवा, शहडोल भी तो मध्यप्रदेश का हिस्सा है, फिर सारा पैसा एक ही क्षेत्र के लिए क्यों? सांसद तन्खा ने मोहन यादव सरकार से पूछे सवाल

vivek tankha in IBC24 MIND SUMMIT IBC24 कांग्रेस अपने हार के बाद ही ईवीएम उठाती हैं। इस सवाल के जवाब में कहा कि कोई कैसे कह सकता है कि हम ईवीएम की वजह से जीते है? सवाल पूरी तरह से विश्वास का है। इसलिए हमें एक ऐसा सिस्टम लाना होगा जिस पर हर किसी का विश्वास हो, भरोसा हो।

#IBC24MINDSUMMIT: जबलपुर, रीवा, शहडोल भी तो मध्यप्रदेश का हिस्सा है, फिर सारा पैसा एक ही क्षेत्र के लिए क्यों? सांसद तन्खा ने मोहन यादव सरकार से पूछे सवाल

#IBC24MINDSUMMIT । Image Credit: IBC24

Modified Date: December 7, 2024 / 08:17 pm IST
Published Date: December 7, 2024 8:17 pm IST

भोपाल: #IBC24MINDSUMMIT: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार यानी आज देश की दिग्गज हस्तियां मध्यप्रदेश के सरोकार से जुड़े विषयों पर अपनी राय जाहिर करने के लिए एक मंच पर आ रही हैं। ये मंच मुहैया करा रहा है मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद चैनल IBC24। ‘माइंड समिट-पाथ टू प्रोगेस’ नाम के इस आयोजन में राजनीति, धर्म, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल जगत से जुड़ी हस्तियां समस्याओं के कारणों को उजागर करने के साथ ही उसके समाधान के लिए सुझाव भी देंगी।

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IBC24 ‘माइंड समिट-पाथ टू प्रोगेस’ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और खुद की राजनीती से जुड़े सवालों के भी जवाब दिए।

चुनाव हार जाना एक विडंबना

एक सवाल कि, मौका मिलने पर भी वह चुनाव नहीं जीत पाते और हार जाते है। इसके जवाब में विवेक तन्खा ने बताया कि, यह विडंबना है कि वह चुनाव हार जाते है। चुनाव जीतना किसी उम्मीदवार के विचार और क्षमता पर निर्भर नहीं करता बल्कि वह नेता कब सियासत में आया और तब का राजनैतिक वातावरण कैसा है, इस पर निर्भर करता है।

मैं भावुक व्यक्ति

उन्होंने आगे खुलासा किया कि जब 2014 में कांग्रेस को चुनाव लड़ने के लिए कोई उम्मीदवार नहीं मिल रहा था तब पार्टी ने उनसे आग्रह किया कि वह आगे आये और चुनाव लड़े। तब उन्होंने इस पर हामी भी भर दी। यह जानते हुए कि वह चुनाव नहीं जीत पाएंगे। खुद उनके परिवार के लोग उनके इस फैसले के खिलाफ थे। बताया कि वह भावुक व्यक्ति है और अपने लोगों के लिए संकट के समय में जरूर खड़े रहते है।

हिन्दू राष्ट्र पर दी प्रतिक्रिया

हिन्दू राष्ट्र के तौर पर भारत को मान्यता और बाबा बागेश्वर के इस मांग से जुड़े सवाल पर विवेक तन्खा ने कहा कि पहले भी बाबा इस तरह की मांगे सरकार से करते रहे है। हर किसी को अपनी बात और मांग सामने रखने का अधिकार है। पर चूंकि आज बहुमत की सरकार है तो यह बातें ज्यादा उभरकर सामने आ रहे है।

विवेक तन्खा ने साफ़ किया कि यह बाटे सुनने में अच्छी लग सकती हैं लेकिन हम सभी संविधान को मानने वाले लोग है और संविधान के तहत ऐसा होना संभव नहीं है। और कभी ऐसी मांग करने वालों पर संकट आय तो भी अपने लिए इसी संविधान के तहत सुरक्षा की मांग करेंगे। इसलिए मैं कभी भी ऐसी बातों को गंभीरता से नहीं लेता हूँ। उन्हें लगता है कि, जो व्यक्ति अपनी मान्यता के मुताबिक़ कुछ कर रहा है तो वह उसे करना चाहिए।

मस्जिदों के सर्वे पर क्या बोले विवेक तन्खा?

मंदिर-मस्जिद के सर्वे के सवाल पर विवेक तन्खा ने कहा कि यह कांग्रेस या किसी पार्टी का सवाल नहीं बल्कि क़ानून और संविधान का सवाल है। 1991 के पूजा स्थल अधिनियम में स्पष्ट तौर पर उल्लेख है कि अगस्त 1947 के बाद के विवादों पर कोई सुनवाई नहीं होगी। चूंकि राम मंदिर का मामला 1947 से पहले का था इसलिए इस पर सुनवाई हुई और फैसला भी आया। जहां तक उनका सवाल है तो वह खुद भी राम मंदिर मामले में स्वामी स्वरूपानंद के वकील थे और राम मंदिर के पक्ष में जिरह कर रहे थे।

फिर बैलेट पेपर से चुनाव

ईवीएम पर उठाये जाने वाले सवाल पर चर्चा करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि यह सवाल भाजपा या कांग्रेस का नहीं बल्कि विश्वास का है। जब भाजपा विपक्ष में थी तब वह भी इस चुनावी मशीन सवाल उठाते थे। खुद भाजपा के दिग्गज नेता ने भी इस पर किताब लिखी है और आज जब कांग्रेस विपक्ष में है तो वह इसपर शंका जाहिर कर रहे है।

हालांकि दुनिया के सभी बड़े देशों ने अपने यहां से ईवीएम से चुनाव लगभग बंद कर दिए है। भारत का लोकतंत्र अपनी पवित्रता के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि अगर प्रजा को इस पर भरोस नहीं है तो इसे चुनावी प्रक्रिया से हटा दिया जाना चाहिए। जहाँ तक उनका सवाल है तो अगर कांग्रेस सरकार में लौटती है तो वह सुनिश्चित करेंगे कि भारत में चुनाव बैलेट पेपर से ही हो।

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कांग्रेस अपने हार के बाद ही ईवीएम उठाती हैं। इस सवाल के जवाब में कहा कि कोई कैसे कह सकता है कि हम ईवीएम की वजह से जीते है? सवाल पूरी तरह से विश्वास का है। इसलिए हमें एक ऐसा सिस्टम लाना होगा जिस पर हर किसी का विश्वास हो, भरोसा हो। विवेक तन्खा ने दावा किया कि भाजपा भी अपनी हार पर मशीन पर ही सवाल उठाती है।

विवेक तन्खा ने जबलपुर क्षेत्र में विकास के संभावनाओं पर चर्चा की और इस बात पर दुख जताया कि, क्षेत्र में विकास की जो रफ़्तार कांग्रेस के दौर में थी मौजूदा सरकार में नहीं है। विवेक तन्खा ने बताया कि आज जबलपुर के ही दस हजार स्टूडेंट्स पुणे में पढ़ाई कर रहे हैं। क्षेत्र में शैक्षणिक विकास की खास जरूरत है। इसी तरह खेल के क्षेत्र में भी यह पिछड़ापन देखा जा सकता है।

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लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown