पवनमुक्तासन पाचन प्रणाली मजबूत करने में सहायक

पवनमुक्तासन पाचन प्रणाली मजबूत करने में सहायक

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  • Publish Date - June 11, 2018 / 01:22 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 03:00 PM IST

योगासन में पवनमुक्तासन को सभी उम्र के लिए इस्तमाल करने वाला आसन कहा जाता है। यह आसन अपने नाम की भांति ही लाभकारी होता है। जब हम इस आसन को करते हैं तब हमारे पेट से गैस और कब्ज के कारण जो वायु जमा होती है वो आसनी से बाहर निकल जाती है। आइये जानते हैं योग एक्सपर्ट मनोज अग्रवाल से इस आसन को करने का तरीका और इसे करने के फायदे।

पवनमुक्तासन करने के तरीके 

 

सबसे पहले एक साफ़ स्थान पर दरी बिछा लें। 

उसके बाद सीधे होकर शवासन में लेट जाएं।

लेटने के बाद दाएं पैर के घुटनें को अपनी छाती पर रखें।

दोनों हाथों की अंगुलियाँ एक-दूसरे में फसाते हुए अपने घुटनों को पकड़ लें।

अपने श्वास को बाहर निकालते हुए अपने घुटने को छाती से लगायें एवं सिर को उठाते हुए घुटने से नासिका को स्पर्श करवाएं।

कुछ सेंकड तक अपने श्वास को बाहर रोकते हुए इसी स्थिति में बने रहें। 

उसके कुछ देर बाद श्वास छोड़ दें। 

अब इसको दूसरे पैर के साथ करें।

इस क्रिया को चार से पांच बार तक करें।

 

पवनमुक्तासन के लाभ 

इस आसन को करने के बाद आप पेट की बहुत सी समस्या से निजात पाएंगे। 

जिन लोगों को पेट में गैस की शिकायत होती है, उनके लिए यह बहुत ही लाभकारी है। 

इसको करने से पाचन प्रणाली मजबूत होती है और हमारा खाना आसानी से पच जाता है।

इससे पेट फूलना और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।

इससे पेट के और कमर के स्नायु मजबूत होते हैं।

इस आसन के दवारा हमारे पैर के सभी अंग सक्रिय होते हैं।

महिलाओ में मासिक के समय पेट में दर्द होने वाली समस्या से राहत मिलती है।

यह गठिये, कमर दर्द, ह्रदय रोग और एसिडिटी में बहुत ही फायदेमंद होता है।

पेट से चर्बी को कम करने के लिए यह बहुत फायदेमंद होता है।

इसको करने से हाथ, पीठ, कमर और पैर के स्नायु के साथ-साथ हमारा मेरुदंड भी मजबूत होता है।

बरतें सावधानी 

 

जब आप के कमर में दर्द हो तो अपने सिर को उठाकर नासिका को घुटनों के साथ स्पर्श न करवाएं। इसमें पैरों से छाती को दबाना ही ठीक रहता है ।

खाना खाने के तुरंत बाद इस आसन को नहीं करना चाहिए।गर्भवती महिलाओं, हर्निया, उच्च रक्तचाप, गर्दन और पीठ के विकारों आदि वाले रोगों से पीड़ित लोगों को डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका अभ्यास करना चाहिए।