रसोई में मौजूद है सेहत का खजाना

रसोई में मौजूद है सेहत का खजाना

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  • Publish Date - October 21, 2017 / 08:05 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 12:27 PM IST

दीवाली के दिन लोग बहुत पटाखे चलाते हैं, जिस कारण वातावरण प्रदूषित हो जाता है। कुछ लोग बीमार होने की वजह से इसी कारण घरों से बाहर भी नहीं निकल पाते। पटाखों से उठने वाला यह धआं फेफड़ों के लिए बहुत हानिकारक होता है। फेफड़ों में कुदरती रूप से प्रदूषण को फिल्टर करने के लिए फिल्टर होता है, जिसे सिलिया कहा जाता है। जो फेफड़ों में जमा बलगम और गंदगी साफ हो जाती है लेकिन भारी मात्रा में हवा में कार्बन प्रदूषण फेफडे साफ नहीं कर पाते। आप इसके लिए घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं. आज हम आपको बताते है की ऐसा क्या खाये अपनी रसोई से जो आपकी सेहत का रखेगा पूरा ध्यान 

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किचन में प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट

किसी भी तरह के हवा प्रदूषण का सामना करने के बाद रसोई में मौजूद थोड़ा-सा गुड आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। गुड में कुदरती रूप से मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो फेफड़ों को साफ करने का काम करता हैं। गुड़ हवा में मौजूद कार्बन प्रदूषण का मुकाबला करने में लाभकारी है। गन्ने के रस से तैयार किए गए गुड में सेलेनियम होता है, आयरन के तत्वों से भरपूर गुड शरीर में खून की कमी को भी पूरा करने का काम करता है और बॉडी में एनर्जी बनाएं रखने का बढ़िया स्त्रोत है। इसे खाने से ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ जाती है।

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कितना मात्रा में खाएं गुड़?

जरूरत से ज्यादा गुड खाने से सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है। खाना खाने के बाद  रोजाना 2 से 4 ग्राम तक गुड खाना अच्छा होता है। इससे ज्यादा मात्रा में गुड़ खाने से नुकसान भी हो सकता है।