स्वाइन फ्लू का समय रहते संभव है इलाज , हल्के बुखार, खांसी, गले में खरास को न करें नजरअंदाज

स्वाइन फ्लू का समय रहते संभव है इलाज , हल्के बुखार, खांसी, गले में खरास को न करें नजरअंदाज

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  • Publish Date - February 23, 2019 / 12:18 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 03:37 AM IST

सेहत डेस्क। इस वक्त देश के हर कोने में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।आमतौर पर देखा जा रहा है कि थोड़ी सी अनदेखी और स्वास्थ के प्रति लापरवाही के कारण भी यह बीमारी अपना प्रकोप ज्यादा दिखा रही है। हल्के बुखार, खांसी, गले में खरास, नाक बहने, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, ठंड और कभी-कभी दस्त और उल्टी आने के सामान्य लक्षण हैं जिसे। आमतौर पर स्वाइन फ्लू से जोड़ा जाता है।

स्वाइन फ्लू में खांसी या गले में खरास के साथ 1000 फारेनहाइट से अधिक तक बुखार हो सकता है. निदान की पुष्टि आरआरटी या पीसीआर तकनीक से किए गए लैब टैस्ट से होती है।हल्के मामलों में, सांस लेने में परेशानी नहीं होती है। लगातार बढ़ने वाले स्वाइन फ्लू में छाती में दर्द के साथ उपरोक्त लक्षण, श्वसन दर में वृद्धि, रक्त में ऑक्सीजन की कमी, कम रक्तचाप, भ्रम, बदलती मानसिक स्थिति, गंभीर निर्जलीकरण और अंतर्निहित अस्थमा, गुर्दे की विफलता, मधुमेह, दिल की विफलता, एंजाइना या सीओपीडी हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति को खांसी, गले में दर्द, बुखार, सिरदर्द, मतली और उल्टी के लक्षण हैं, तो स्वाइन फ्लू की जांच करानी चाहिए. इस स्थिति में दवाई केवल चिकित्सक की निगरानी में ही ली जानी चाहिए।