बारिश और भूस्खलन से अब तक 129 की मौत, 84,452 लोगों को पहुंचाया गया सुरक्षित स्थानों पर |129 died due to heavy Rain and landslide in maharashtra

बारिश और भूस्खलन से अब तक 129 की मौत, 84,452 लोगों को पहुंचाया गया सुरक्षित स्थानों पर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : July 24, 2021/5:33 pm IST

मुंबई: महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं और भूस्खलन में 129 लोगों की मौत हो गई, जबकि पुणे मंडल के तहत 84,452 लोगों को शुक्रवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया क्योंकि राज्य में भारी बारिश का कहर जारी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे मंडल में भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के चलते 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें 40,000 से अधिक लोग कोल्हापुर जिले से हैं। अधिकारियों ने बताया कि कोल्हापुर शहर के पास पंचगंगा नदी 2019 में आई बाढ़ के स्तर से भी ऊपर बह रही है।

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पुणे और कोल्हापुर के साथ ही मंडल में सांगली और सतारा जिले भी आते हैं। सतारा भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृतकों में से 38 लोगों की मौत तटीय रायगढ़ जिले में भूस्खलन होने से हुई। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार शाम सतारा जिले के लिए एक नया रेड अलर्ट जारी कर अगले 24 घंटे में जिले के पर्वतीय घाट इलाके में अत्यधिक भारी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है, जहां भूस्ख्लन के बाद करीब 30 लोग लापता हैं।

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पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह कोल्हापुर जिले में एक बस के एक नदी में बहने से ठीक पहले उस पर सवार आठ नेपाली श्रमिकों समेत 11 लोगों को बचा लिया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में पिछले 48 घंटों में मरने वालों की संख्या 129 पहुंच गई है। ज्यादातर मौतें रायगढ़ और सतारा जिलों से हुई हैं।’’ उन्होंने कहा कि भूस्खलन के अलावा कई लोग बाढ़ के पानी में बह गए। अधिकारी ने पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले में विभिन्न घटनाओं में मरने वालों की संख्या 27 बताई।

 

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उन्होंने बताया कि रायगढ़ जिले में बृहस्पतिवार शाम महाड़ तहसील के तलाई गांव के पास भूस्खलन हुआ। महाड़ में एनडीआरएफ की टीमें और स्थानीय अधिकारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं। सतारा ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल ने बताया कि अंबेघर और मीरगांव गांवों में बृहस्पतिवार रात भूस्खलन में कुल आठ मकान जमींदोज हो गये। लेकिन स्थानीय अधिकारियों की ओर से अभी तक दोनों घटनाओं में किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है।

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अधिकारियों ने बताया कि वही राज्य में लगातार भारी बारिश होने के साथ रत्नागिरि जिले में भूस्खलन होने के बाद 10 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में शुक्रवार तड़के एक बस के बाढ़ के पानी में बहने से कुछ पल पहले, उसमें सवार आठ नेपाली श्रमिकों समेत 11 लोगों को बचा लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि निजी बस के चालक के खिलाफ बस को लापरवाही से चिकोडी नदी पर बने पुल पर ले जाने के लिये मामला दर्ज किया गया है। घटना भूदरगढ़ तहसील के पंगेरे गांव में तड़के करीब 2.30 बजे हुई। 11 लोगों में से आठ नेपाली नागरिक हैं जो गोवा के होटलों में काम करते हैं और नासिक जा रहे थे। नासिक से उन्हें अपने देश लौटना था।

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