#IBC24Shahmaat: समरसता की पतवार दलित ही खेवनहार! अंबेडकर की मूर्ति के सामने कांग्रेस का उपवास, बीजेपी ने किया अंबेडकर धाम का भूमि-पूजन..इन आयोजनों का मकसद क्या? जाने

#IBC24Shahmaat: ज़रा इसे भी समझना होगा..डॉक्टर अम्बेडकर का नाता एमपी से बहुत गहरा है... वो पैदा बेशक हुए महू में हुए लेकिन कार्यक्षेत्र उनका एमपी नहीं रहा..ग्वालियर या सागर तो कतई नहीं फिर भी उनके भव्य स्मारक वहां बन रहे हैं..

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Modified Date: July 5, 2025 / 11:54 PM IST
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Published Date: July 5, 2025 11:44 pm IST
HIGHLIGHTS
  • डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर का स्मारक यानी अम्बेडकर धाम
  • ग्वालियर में एक बड़ा आयोजन किया..नाम था समरसता सम्मेलन
  • ग्वालियर चम्बल इलाके में SC वोटर्स थोड़ा दूर सरक रहा

भोपाल: #IBC24Shahmaat, मध्य प्रदेश सरकार ने आज ग्वालियर में एक बड़ा आयोजन किया..नाम था समरसता सम्मेलन..डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर का स्मारक यानी अम्बेडकर धाम वहां बनाया जाएगा, जिसकी आधारशिला मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने आज रखी..ये है आयोजन की जानकारी.. जो घोषित है..अब इसके पीछे BJP और सरकार की सोच क्या है, ज़रा इसे भी समझना होगा..डॉक्टर अम्बेडकर का नाता एमपी से बहुत गहरा है… वो पैदा बेशक हुए महू में हुए लेकिन कार्यक्षेत्र उनका एमपी नहीं रहा..ग्वालियर या सागर तो कतई नहीं फिर भी उनके भव्य स्मारक वहां बन रहे हैं..

ग्वालियर चम्बल इलाके में SC वोटर्स थोड़ा दूर सरक रहा है… जिसे क़रीब लाने के लिए उसके सबसे बड़े आराध्य से बड़ा ज़रिया भला क्या हो सकता है.. यूपी के सीमावर्ती इलाकों में बसपा के स्थाई वोटबैंक को दरकाने का नाभि केंद्र भी यही इलाका है.. और इसी सब में गूंथ लेते हैं नए पार्टी अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के पुराने दलित लीडर गौरीशंकर शेजवार की मुलाक़ात को..पार्टी में लम्बे वक्त से हाशिये पर पड़े शेजवार के दरवाजे पर सत्ता और संगठन अचानक कैसे पहुंचा…

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ग्वालियर चंबल इन दिनों दलित राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है..कुछ दिन पहले कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति के सामने उपवास कर खुद को दलित हितैषी साबित करने की कोशिश की ..तो अब बीजेपी ने समरसता सम्मेलन का आयोजन कर कांग्रेस की चाल को कमजोर करने की कोशिश की..मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जौरासी गांव में बनने वाले अंबेडकर धाम का भूमि-पूजन किया..और कांग्रेस पर दशकों तक दलित समाज को केवल वोटबैंक समझने का आरोप लगाया..

जाहिर है ग्वालियर-चंबल अंचल में एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में 2018 में हुई जातिगत हिंसा का असर विधानसभा चुनाव में हुआ था,चुनाव के दौरान दलित वर्ग की नाराजगी बीजेपी को झेलनी पड़ी और सत्तारूढ़ बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था..2023 के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को दलित बहुल सीटों पर चुनौती मिली थी..पिछले समीकरणोें से सबक लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल ग्वालियर रवाना होने से पहले दलित नेता डॉ गौरी शंकर शेजवार से मुलाक़ात करते हैं..दूसरी को कांग्रेस को बीजेपी का समरसता मॉडल बिल्कुल रास नहीं आया,

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मध्यप्रदेश में दलितों की आबादी प्रदेश की कुल आबादी की करीब 20 फीसदी है..और करीब 80 लाख वोटर्स हैं..दलित वोटों के जरिये सत्ता के सिंहासन पर पहुंचने के लिए किसी भी राजनीतिक दल के लिए ग्वालियर-चंबल अंचल को साधना जरूरी है..ऐसे में पहले कांग्रेस अब बीजेपी बाबा साहेब अंबेडकर के बहाने दलित वोट बैंक को अपने पाले में करने कोई कसर नहीं छोड़ रहे।