Dewas Lok Sabha Elections 2019 : देवास सीट पर अब तक दो चुनाव, भाजपा-कांग्रेस को मिला बराबर मौका, देखना होगा जनता किसका देगी साथ | Dewas Lok Sabha Elections 2019 : Dewas Lok sabha Constituency : BJP VS Congress

Dewas Lok Sabha Elections 2019 : देवास सीट पर अब तक दो चुनाव, भाजपा-कांग्रेस को मिला बराबर मौका, देखना होगा जनता किसका देगी साथ

Dewas Lok Sabha Elections 2019 : देवास सीट पर अब तक दो चुनाव, भाजपा-कांग्रेस को मिला बराबर मौका, देखना होगा जनता किसका देगी साथ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : May 16, 2019/2:28 pm IST

देवास: लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मध्य प्रदेश में 29 संसदीय क्षेत्रों में से एक है। यह निर्वाचन क्षेत्र 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद अस्तित्व में आया। परिसीमन से शाजापुर निर्वाचन क्षेत्र को समाप्त कर देवास को निर्वाचन क्षेत्र बनाया गया। यहां चामुण्डा माता और तुलजा भवानी माता के प्रसिद्ध मन्दिर हैं। लोगों का मानना है कि वह जागृत स्वरूप में यहां विराजमान हैं। इसके अलावा पंवार छत्री एवं मीठा तालाब के पास मौजूद पंवार छत्रीयां इतिहास में देवास नगर में मराठा साम्राज्य की उपस्थिती दर्शाती हैं। यह सीट आरक्षीत सीटों में से एक है। देवास लोकसभा सीट पर दो चुनाव हुए हैं, जिसमें से एक में कांग्रेस और एक में बीजेपी को जीत मिली है। इस सीट से 2014 का लोकसभा चुनाव जीतने वाले बीजेपी के मनोहर ऊंटवाल ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में आगर सीट से भी जीत हासिल की। इसके बाद से यह सीट खाली है। देवास लोकसभा सीट राज्य की एक ऐसी सीट रही है, जहां से बीजेपी के दिग्गज नेता थावरचंद गहलोत चुनाव लड़ चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने महेंद्र सोलंकी को तो कांग्रेस ने प्रहलाद टिपानीया को चुनावी मैदान में उतारा है। बराबर के इस मुकाबले में देखना होगा कि किसे जनता अपना नेता चुनती है।

8 विधानसभा सीटें

देवास लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें शाजापुर, शुजालपुर, कालापीपल, देवास, हाटपिपलिया, आष्टा (सुरक्षित), आगर (सुरक्षित) और सोनकच्छ (सुरक्षित) शामिल हैं।

राजनीतिक इतिहास

देवास सीट पर अब तक दो चुनाव हुए हैं, जिसमें एक में भाजपा और एक में कांग्रेस ने चुनाव जीता है। ऐसे में देखा जाए तो इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बराबरी का मुकाबला रहा है। 2009 में हुए यहां पर चुनाव में कांग्रेस के सज्जन सिंह को जीत मिली थी, उन्होंने मोदी सरकार में मंत्री थावरचंद गहलोत को मात दी थी। हालांकि 2014 चुनाव में शानदार कम बैक करते हुए बीजेपी के मनोहर ऊंटवाल ने सज्जन सिंह को करारी शिकस्त दी थी। उन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा और आगर सीट पर उन्होंने विजय हासिल की।

चुनावी मुद्दे

आरक्षित सीट देवास आदिवासी बाहुल्य इलाका है साथ ही औद्योगिक क्षेत्र के रूप में भी इस क्षेत्र की अलग पहचान है। औद्योगिक क्षेत्र से यहां रोजगार की समस्या तो नहीं है, लेकिन आदिवसी बाहुल्य इलाका होने के बावजूद विकास का आभाव है। वहीं, नेता किसानों के मुद्दे को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं।
 
जिस समाज की बहुलता की वजह से यह सीट आरक्षित की गई, उसी के 27 फीसदी लोग यहां सिकलसेल जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है। वर्षों से स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने की मांग यहां उठती रही है बावजूद इसे किसी भी राजनीतिक दल ने मुद्दा नहीं बनाया। संसदीय क्षेत्र औद्योगिकीकरण के लिहाज से पिछड़ा हुआ है। साथ ही पलायन भी यहां एक बड़ा मसला है। कांग्रेस फसल बीमा योजना में गड़बड़ी को चुनावी मुद्दा बनाए हुए है तो बीजेपी कर्जमाफी को छलावा बताते हुए मतदाताओं के पास जा रही है।

जातिगत समीकरण

2014 की जनगणना के अनुसार यहां पर 16,17, 215 मतदाता थे। यहां पर 24.29 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति की है और 2.69 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है। देवास की आधे से अधिक जनता ग्रामीण इलाके में निवास करती है। 

2014 का जनादेश

विजयी प्रत्याशी  : मनोहर उंटवाल (बीजेपी) 665646 (41 फीसदी) वोट
फर्स्ट रन अप   : सज्जन सिंह वर्मा (कांग्रेस) 437523 (25 फीसदी) वोट 
सेकंड रनर अप: गोकुल प्रसाद डोंगरे (बसपा) – 17238  (01 फीसदी) वोट

2009 का जनादेश

विजयी प्रत्याशी  : सज्जन सिंह वर्मा (कांग्रेस) 376421 (29 फीसदी) वोट 
फर्स्ट रनर अप  : थावरचंद गहलोत (बीजेपी) 360964 (27 फीसदी) वोट
सेकंड रनर अप : भगीरथ परिहार (बसपा) 10743, 1 फीसदी वोट

2014 में मतदाताओं की संख्या

कुल वोटर्स   :  16,17, 215
पुरुष         :   8,43, 555
महिला       :  7,73,660
कुल मतदान :  70.74 %
 

 
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