मंद्सौर का प्राचीन नाम दशपुर था। पुरातात्विक और ऐतिहासिक विरासत को संजोए उत्तरी मध्य प्रदेश का मंदसौर एक ऐतिहासिक जिला है। यह 5530 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। आजादी के पहले यह ग्वालियर रियासत का हिस्सा था। मंदसौर हिन्दू और जैन मंदिरों के लिए खासा लोकप्रिय है। पशुपतिनाथ मंदिर, बाही पारसनाथ जैन मंदिर और गांधी सागर बांध यहां के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं। इस जिले में अफीम का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। प्राचीन साहित्य और कई अभिलेखों में दशपुर का उल्लेख है, मंदसौर के खानपुरा में स्थित रावण की प्रतिमा का इतिहास भी काफी पुराना है। यहां के लोगों में यह मान्यता है की लंका के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका मंदसौर था।
मंदसौर शहर किसान आंदोलन के दौरान सुर्खियों में था। किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में सीआरपीएफ की फायरिंग में चार किसानों की मौत हो गई थी जिसके बाद ये आंदोलन काफी उग्र हो गया था।
भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में आखिरी चरण के लिए 19 मई को वोट डाले जाएंगे। भाजपा ने जहां मौजूद सांसद पर सुधीर गुप्ता पर भरोसा जताया है वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर मीनाक्षी नटराजन को टिकट दिया है।
मंदसौर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। जावरा, सुवासरा, नीमच, मंदसौर, गरोठ, जावद, मल्हारगढ़, मनासा यहा कीं विधानसभा सीटें हैं. यहां की 8 विधानसभा सीटों में से 7 पर बीजेपी और 1 पर कांग्रेस का कब्जा है।
मंदसौर का राजनीतिक इतिहास
प्रदेश की इस सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस के मानकलाल ने जीत हासिल की थी. इसके बाद जनसंघ को यहां जीत मिली और लगातार 1980 तक जनसंघ का ही यहां राज रहा। 1980 में कांग्रेस ने मंदसौर में वापसी की और 1984 में भी यह सिलसिला कायम रखा, लेकिन 1989 में भाजपा के लक्ष्मीनारायण पांडे के मंदसौर लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने बाद कांग्रेस की जीत का सिलसिला टूट गया और लक्ष्मीनारायण पांडे ने यहां लगातार 1989 से लेकर 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 तक अपने कदम जमाए रखे। 2009 में इस सीट से कांग्रेस की दिग्गज नेता मीनाक्षी नटराजन ने कांग्रेस के लंबे इंतजार को खत्म किया और यहां जीत हासिल की। लेकिन, फिर 2014 में यहां भाजपा ने वापसी की और सुधीर गुप्ता यहां से सांसद चुने गए।
सामाजिक ताना-बाना
मंदसौर मध्य प्रदेश का वो जिला है जो हिंदू और जैन मंदिरों के लिए खासा लोकप्रिय है। आजादी के पहले यह ग्वालियर रियासत का हिस्सा था। पशुपतिनाथ मंदिर, बाही पारसनाथ जैन मंदिर और गांधी सागर बांध यहां के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं। इस जिले में अफीम का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। मंदसौर राजस्थान के चित्तौड़गढ़, कोटा, भीलवाड़ा, झालावाड़ और मध्य प्रदेश के रतलाम जिलों से घिरा हुआ है।
2011 की जनगणना के मुताबिक मंदसौर की जनसंख्या 24,72,444 है। यहां की 75.49 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है और 24.51 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। मंदसौर में 16.78 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है और 5.36 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां पर 1626571 मतदाता थे। इनमें से 788495 महिला मतदाता और 838076 पुरुष मतदाता थे। 2014 के चुनाव में यहां पर 71.40 फीसदी मतदान हुआ था।
लोकसभा चुनाव 2009
2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की मीनाक्षी नटराज ने 373,532 वोटों से जीत दर्ज की थी। वहीं भाजपा के डॉ लक्ष्मी नारायण पांडेय को 342,713 वोट मिले थे। जबकि लक्ष्मीनारायण भगीरथ पाटीदार को 10,712 वोट मिले थे।
लोकसभा चुनाव 2014
2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सुधीर गुप्ता को मंदसौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया और सुधीर गुप्ता ने भी पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए बड़े मतों के अंतर से जीत हासिल की। सुधीर गुप्ता ने नटराजन को यहां 3,03,649 वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी सुधीर गुप्ता को 6,98,335 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन को 3,94,686 वोट ही मिल सके।