जगदलपुर के विधायकजी का रिपोर्ट कार्ड, देखिए क्या कहता है जनता का मूड मीटर

जगदलपुर के विधायकजी का रिपोर्ट कार्ड, देखिए क्या कहता है जनता का मूड मीटर

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  • Publish Date - September 25, 2018 / 02:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

जगदलपुर। विधायकजी के रिपोर्ट कार्ड में आज बारी है छत्तीसगढ़ की जगदलपुर विधानसभा सीट कीबस्तर संभाग का मुख्यालय जगदलपुर, बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में से एकमात्र सामान्य सीट भी हैओडिशा की सीमा से लगे इस विधानसभा सीट में सामान्य वर्ग के वोटर बहुलता में हैबावजूद इसके करीब 30 फीसदी आदिवासी वोटर भी है, जो चुनाव नतीजों को प्रभावित करते हैं शहरी और ग्रामीण परिवेश वाले इस सीट पर परिसीमन के बाद से लगातार भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है फिलहाल यहां संतोष बाफना विधायक हैं, जो मिशन 2018 में हैट्रिक लगाने की तैयारी में जुट गए हैं

अपनी अनूठी परंपरा और संस्कृति के लिए दुनिया भर में अलग पहचान रखता है बस्तर दशहरा और बस्तर दशहरा का प्रमुख केंद्र है जगदलपुरयहां देश-विदेश से लोग बस्तर दशहरा देखने पहुंचते हैंबस्तर दशहरा के अलावा यहां का राजमहल भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है बस्तर संभाग का मुख्यालय होने के कारण जगदलपुर में बस्तर के व्यापारिक केंद्र के अलावा प्रशासनिक और दूसरी शासकीय संस्थानों का संभागीय मुख्यालय भी हैइसके अलावा पर्यटन के दृष्टिकोण से भी इलाका काफी धनी हैसियासत की बात करें तो जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र हमेशा से बस्तर की राजनीति का प्रमुख केंद्र रहा है। 2008 में हुए परिसीमन के बाद जगदलपुर सीट सामान्य हो गईबस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों में इकलौती सामान्य सीट है जगदलपुरफिलहाल सीट पर बीजेपी का कब्जा है और संतोष बाफना 2008 के बाद यहां से लगातार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं। चुनावी साल है तो संतोष बाफना एक बार फिर तैयारियों में जुट गए हैं

 

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लेकिन इस बार वो जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे, इसे लेकर कयास लगने शुरू हो चुके हैंवहीं दूसरी तरफ बीजेपी से लगातार मात खा रही कांग्रेस ने इस बार जगदलपुर में जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी हैलेकिन अंदरूनी गुटबाजी उसकी तैयारियों पर सवाल खड़ा करती है, जिसका फायदा बीजेपी को हर चुनाव में मिलता रहा है हालांकि इस बार बीजेपी भी गुटबाजी से अछूती नहीं हैबीजेपी पहले ही यहां महापौर का पद गंवाकर नगर निगम में अपनी पकड़ कमजोर कर  चुकी हैऐसे में आने वाले चुनाव में बीजेपी के लिए यहां जीत का चौका लगाना इतना आसान नहीं होगादरअसल जगदलपुर में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के अलावा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और आम आदमी पार्टी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगीजाहिर है जगदलपु की जंग में इस बार दिलचस्प घमासान देखने को मिलेगा।

जगदलपुर विधानसभा का सियासी मिजाज, हमेशा से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में दिखाई देता है लेकिन बीते कुछ सालों के दौरान यहां भी गुटबाजी काफी तेजी से बढ़ी है और क्या ये किसी नए समीकरण की तरफ इशारा कर रही है और कौन से मुद्दे हावी होंगे अगने विधानसभा चुनाव में और क्या ये बीजेपी विधायक को नुकसान पहुंचाएंगे इसे भी समझने की कोशिश करते हैं।

जगदलपुर विधानसभा सीट पर 2003 से बीजेपी काबिज है और संतोष बाफना यहां लगातार दो बार से विधायक हैंसामान्य सीट होने के कारण संतोष बाफना एक बार फिर अपनी टिकट को लेकर आश्वस्त हैंहालांकि पिछले कुछ समय से उनका विवादों में रहना, उनके खिलाफ जा सकता है। इसमें खुटपदर गोलीकांड और बस्तर परिवहन संघ का बंद होना शामिल है, जिसे कांग्रेस अब सियासी तूल देने में जुट गई है।

जगदलपुर में दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हैयहां मेडिकल कॉलेज को स्थानीय प्रशासन की जानकारी के बिना नए परिसर में शिफ्ट कर दिया गया, जो शहर से 12 किलोमीटर दूर है और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में आता है, जिसे लेकर लोगों में काफी नाराजगी हैइसी तरह नगरनार स्टील प्लांट का मुद्दा भी आने वाले चुनाव में नेताओँ की मुश्किल बढ़ा सकता हैदरअसल बीजेपी जहां इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर गिनाती है, वहीं कांग्रेस कहती है कि इसकी नींव कांग्रेस के कार्यकाल में रखी गई हैपिछले 10 सालों में शायद ही कोई महीना गुजरता है जब प्रभावितों में कोई न कोई गुट विरोध प्रदर्शन नहीं करता हैइसे लेकर न केवल स्थानीय विधायक बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी सफाई देनी पड़ी। जाहिर है प्रभावितों की नाराजगी इस बार बीजेपी को मुश्किल में डाल सकती है।

इसके अलावा भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर भी लोगों की शिकायतों की लंबी लिस्ट हैबाइपास सड़कों और मेडिकल कॉलेज के निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत है, जिसे लेकर कांग्रेस अब नेताजी को घेरने की रणनीति बना रही है तो इन आरोपों पर बीजेपी विधायक का दावा है कि जितना विकास कार्य उनके कार्यकाल में हुआ है, उतना कहीं नहीं हुआ। कुल मिलाकर जगदलपुर में कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर विपक्ष यहां बीजेपी विधायक की घेराबंदी करने में लग गई हैहालांकि अंदरूनी गुटबाजी उसकी तैयारियों को थोड़ा कमजोर करती है

परिसीमन के बाद जगदलपुर की सियासी फिजा में काफी बदलाव आया सामान्य सीट होने के कारण यहां दावेदारों की फौज खड़ी कर दी हैबीजेपी में मौजूदा विधायक संतोष बाफना को चुनौती देने कई चेहरे सियासी समर में कूद पड़े हैंइसमें बस्तर राजपरिवार से कमलचंद भंजदेव और वन विकास निगम के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी का नाम सबसे आगे हैवहीं कांग्रेस में महापौर जतिन जायसवाल सबसे प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं, हालांकि उनके सामने भी मैदान खाली नहीं है। एकमात्र सामान्य सीट होने की वजह से इस सीट पर दोनों ही दलों में दावेदारों की लंबी कतार है और दावेदारों की लंबी भीड़ यहां गुटबाजी को भी बढ़ावा दे रही है, जिससे बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल अछूते नहीं है वैसे सबसे ज्यादा घमासान और विवाद सत्तारूढ़ बीजेपी में ही हैयहां बीजेपी विधायक संतोष बाफना लगातार विवादों में रहे हैं

बावजूद इसके संतोष बाफना अपनी सक्रियता और जनसंपर्क को लेकर लगातार चर्चा में रहे हैं आपका विधायक आपके द्वार ये कांसेप्ट लेकर वे पहली बार छत्तीसगढ़ में सक्रिय हुए और अब तक उन्होंने अपनी विधानसभा में घर-घर जनसंपर्क करने का रिकॉर्ड बनाने की बात कही हैलेकिन बतौर पर्यटन अध्यक्ष उनकी उपलब्धियां ना के बराबर है क्योंकि उन्होंने पार्टी के भीतर नाराजगी की वजह से इस दायित्व को निभाने में रुचि नहीं दिखाई बावजूद इसके लगातार जीत की वजह से उन्हें भारतीय जनता पार्टी में टिकट का पहला दावेदार माना जाता है

हालांकि सामान्य सीट होने के कारण बीजेपी से कई नेता अपनी दावेदारी कर रहे हैंउनके मुताबिक पुराने राजनीतिक कैरियर की वजह से दूसरों को मौका मिलना चाहिए और इनमें सबसे प्रबल दावेदारों में श्रीनिवास राव मद्दी जो कि वन विकास निगम के अध्यक्ष हैं, टिकट के लिए अपना दावा ठोंक रहे हैंइनके अलावा कमलचंद्र भंजदेव और किरण देव सहित अन्य नेता भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में कमलचंद्र भंजदेव का ही नाम रहा, क्योंकि बीजेपी की राजनीति में ज्यादा पुराने चेहरे नहीं है पर बस्तर की अधिकांश सीटों पर अपना प्रभाव का दावा कर रहे कमलचंद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

 

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टिकट को लेकर रायपुर से दिल्ली तक की दौड़ नेताओं की जारी हैभीतर ही भीतर सियासी चौसर पर नेता अपनीअपनी गोटियां बढ़ाने में लगे हैं यही हाल कांग्रेस का हैपार्टी ने तो इस बार खुलकर कार्यकर्ताओं को टिकट मांगने की छूट दी है, और यही वजह है कि सामान्य सीट पर 42 से अधिक लोगों ने अपने दावा ठोक दिया हैइन दावेदारो में कांग्रेस के महापौर जतिन जायसवाल का नाम सबसे आगे हैउनकी व्यक्तिगत छवि उनके दावे को मजबूत करती हैइसके अलावा मलकीत सिंह गैंदु, रेखचंद जैन, टीव्ही रवि मनोहर लुनिया संजीव शर्मा अतिरिक्त शुक्ला रीब एक दर्जन ऐसे नेता है जिनको टिकट चाहिए

बीजेपी और कांग्रेस के अलावा जेसीसीसे और आम आदमी पार्टी के नेता भी जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुट गए हैंआम आदमी पार्टी की बात करें तो उसने रोहित आर्य को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है जबकि जेसीसीजे ने अमित पांडे को अपना उम्मीदवार बनाया है। कुल मिलाकर इस बार जगदलपुर में इस बार आम आदमी पार्टी और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रत्याशी चुनावी समीकरण बदलने में अपने वोट शेयर से जरूर असर डालेंगे, ये तो तय है।

वेब डेस्क, IBC24