हिजाब और यूपी में है गहरा संबंध, विदेशी चंदे का भी जुगाड़ हो गया

Deep connection between Hijab & UP Elections: देश में इन दिनों हिजाब पर जो जोरशोर से विवाद चल रहा है और सभी जानते है कि पांच राज्यों में हो रहे चुनावों से और खासतौर पर यूपी से उसका संबंध है

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  • Publish Date - February 11, 2022 / 10:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 06:35 AM IST

आज हम फिर से हिजाब के बहाने यूपी के चुनाव की बात करने वाले हैं…
देश में इन दिनों हिजाब पर जो जोरशोर से विवाद चल रहा है और सभी जानते है कि पांच राज्यों में हो रहे चुनावों से और खासतौर पर यूपी से उसका संबंध है… और मजे की बात यह है कि सभी दलों को चाहे वह इसका समर्थन करें या विरोध यह विवाद फायदेमंद दिख रहा है….इसलिए कोई भी इसको फिलहाल खत्म करने की कोशिश नहीं करेगा….लेकिन यहां एक सवाल उठ रहा है कि क्या इस विवाद को आगे चलकर फिर आंदोलन का स्वरूप देकर विदेशी फंड जुटाने की तैयारी तो नहीं हो रही है…?

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आपको जानते ही हैं कि कल तक हिजाब की जिद कर रही लड़कियां कुछ समय पहले तक यूनीफार्म में ही स्कूल आ रही थीं…. ये लड़कियां बिना हिजाब के इधर- उधर फोटो लेकर सोशल मीडिया पर डाल रही थीं… लेकिन जैसे ही चुनाव करीब आए अचानक उनका हिजाब प्रेम जाग गया… शुरू में तब इस पर हल्का फुल्का विवाद भी चलता रहा लेकिन अचानक यूपी में वोटिंग से ठीक एक दिन पहले जोर शोर से मामला उठा दिया गया और देश ही नहीं विदेशी मीडिया में भी खबरें चलने लगीं….अब हैरानी नहीं होगी अगर इस विवाद की आड़ में विदेशी चंदा जमा करने और प्रदर्शन को लम्बा खिंचने का खेल शुरू हो जाए….खबरें आती रही हैं कि लोगों को झूठी बातें बताकर या बहला फुसलाकर भारत की सरकार के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए विदेशी शक्तियां पैसे भेजती रही हैं…एनजीओ से लेकर कई राजनीतिक दल तक…सब इस खेल में शामिल रहे हैं…आज यह भी कहा जा रहा है कि विदेशी ताकतें पूरी कोशिश कर रही हैं कि देश में किसी भी तरह गृह यु्द्ध हो जाए…क्योंकि यदि भारत देश को अस्थिर नहीं किया तो आने वाले 10 सालों में भारत को महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकेगा और आज की कुछ महाशक्तियां भारत से पीछे हो जाएंगी…

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तो अभी तक इस मामले में जो बातें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक ध्यान देने लायक बात यह है कि यह विवाद किसी ऐसे राज्य में नहीं उठाया गया है जो गैर बीजेपी शासित हो…यह जानबूझकर बीजेपी शासित राज्य कर्नाटक में उठाया गया है तो ये तय है कि इसके जरिए चुनाव में बीजेपी को घेरने की रणनीति बनी है और विरोधी दलों ने जिस फुर्ती से इसको समर्थन दिया है उससे साफ है कि वे चुनाव में मुस्लिम वोटों का फायदा लेने जुगाड़ जमा रहे हैं… वहीं दूसरी तरफ से अब यह कहा जा रहा है कि विरोधी दलों को हिजाब से इतना ही प्रेम है तो अपने शासन वाले राज्यों में उनको तुरंत घोषणा करनी चाहिए कि उनके राज्य के स्कूलों में लड़कियां कल से हिजाब में आ सकती हैं…हिजाब प्रेमियों को भी गैर बीजेपी राज्यों में हिजाब की जिद करनी चाहिए…लेकिन कम से कम चुनावों तक ऐसी घोषणा विरोधी दल नहीं करेंगे क्योंकि इससे हिन्दू वोटों के ध्रुवीकरण polarization का खतरा है…
यूपी में कहा जा रहा है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं बीजेपी को वोट देना चाहती हैं क्योंकि ट्रिपल तलाक खत्म करके और उज्ज्वला जैसी महिलाओं के हित की कई योजनाओं के जरिए बीजेपी ने मुस्लिम महिलाओं के बीच पैठ बनाई है…खबरें आ रही थीं कि मुस्लिम महिलाएं बीजेपी को पसंद कर रही हैं… लेकिन अब हिजाब का विवाद मुस्लिम महिलाओं को बीजेपी से दूर कर सकता है….यदि ऐसा होता है तो बीजेपी को यूपी चुनाव में नुकसान होगा….इस बात को प्रधानमंत्री ने भी quote किया है जिससे पता चलता है कि बीजेपी को इस नुकसान की आशंका है…. इधर यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि सामान्य घरों की हिजाब प्रेमी लड़कियों का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया तो वकीलों की लाखों की फीस कैसे और कहां से आ रही है….?
इधर लगता है अब ये मामला वोट से आगे निकलकर एक और शाहीन बाग जैसा होने जा रहा है और इसमें एक बार फिर विदेशी चंदा खाने का जुगाड़ बनाने की कोशिश शुरू हो रही है…मौका आ ही गया है तो चंदा लेकर आंदोलन चलाने में भला क्या दिक्क्त होगी…चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मु्स्लिमों को इसी बहाने एकजुट किया जा सकता है…इधर इन वोटों के ठेकेदारों के लिए जमकर कमाने का मौका भी है…

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दूसरी तरफ एक और बात ध्यान देने जैसी है कि बीजेपी भी अब इस विवाद को खत्म करने के मूड में नहीं दिख रही है…उसे लगता होगा कि इसी बहाने हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण polarization किया जा सकता है…यानी अगर मुस्लिम वोट छिटक गए तो कुछ नए हिन्दू वोट जुड़ जाएंगे और भरपाई हो जाएगी….पर ये अभी दूर की कौड़ी ही लग रही है…यानी मात्र इस मुद्दे के आधार पर अलग से हिन्दू वोट उसे मिल ही जाएंगे यह कहना मुश्किल है…जो हिन्दुत्व के आधार पर बीजेपी को वोट देते हैं वो पहले से ही उससे जुड़ चुके हैं यानी अगर जो थोड़े बहुत मुस्लिम वोटों का नुकसान हुआ भी तो उसकी भरपाई आसान नहीं होगी…बीजेपी के विरोधी इस बात को जानते हैं… इसलिए फिलहाल चुनाव के नतीजे आने तक आंदोलन देखने के लिए तैयार रहिए… और हां सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के फैसलों से कोई तस्वीर बदल जाएगी इसकी उम्मीद कम ही है….