CG Ki Baat : शराब घोटाले पर रार..नई तफ्तीश पर तकरार! क्या जांच एजेंसियों के एक्शन से कांग्रेस घबराई हुई है?

Lok Sabha Election 2024 : शराब घोटाले पर रार..नई तफ्तीश पर तकरार! क्या जांच एजेंसियों के एक्शन से कांग्रेस घबराई हुई है?

  •  
  • Publish Date - April 13, 2024 / 12:10 AM IST,
    Updated On - April 13, 2024 / 12:11 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार के समय हुए घोटालों के आरोप-प्रत्यारोप पर बहस कोई नई बात नहीं है। 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना पूरा चुनाव कैंपेन कांग्रेस इज इक्वल टू करप्शन के इर्द-गिर्द रखा। अब एक बार फिर 24 के रण में, पहले चरण के ठीक पहले प्रदेश में ED-ACB-EOW के ताबड़तोड़ एक्शन सुर्खियों में हैं। बीते दो दिनों से प्रदेश के बिजनेसमेन, सफेदोपश और रसूखदारों, उनके करीबियों के घर-दफ्तर-प्रतिष्ठानों पर छापे जारी हैं। कांग्रेस कहती है, कोई घोटाला नहीं हुआ, सारे आरोप चुनावी हैं, कार्रवाईयां महज दबाव बनाने के लिए हैं। बीजेपी कहती है, अगर कुछ गलत नहीं किया तो छापे वाले एक्शन से कांग्रेस को टेंशन क्यों है।

Read More: लक्ष्मीनारायण राजयोग से बदलेगा इन 3 राशिवालों का भाग्य, मां लक्ष्मी की कृपा से होगी धन की वर्षा 

2024 की चुनावी जंग के बीच छत्तीसगढ़ में ACB और EOW के ताबड़तोड़ एक्शन पर पक्ष-विपक्ष में जुबानी जंग काफी तेज है। गरुवार से शुरू हुआ छापों का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। जांच की आंच रायपुर मेयर ऐजाज ढेबर के भाई और परिजनों तक पहुंच चुकी है। शराब घोटाला मामले में किंग-पिन कहे जा रहे अनवर ढेबर की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को ढेबर बंधुओं के घर, जेल रोड स्थित होटल और संस्थानों पर भी eow टीम ने दबिश दी। दूसरी तरफ विशेष कोर्ट ने आबकारी मामले के मुख्य आरोपियों अनवर ढेबर,आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव AP त्रिपाठी और अरविंद सिंह को 18 अप्रैल तक EOW की रिमांड पर सौंप दिया है। EOW की दलील है कि आरोपियों की संपत्ति प्रदेशभर में हैं, प्रदेश के बाहर भी हैं जिनकी जांच जरूरी है।

Read More: PM Modi Visit Barmer : ‘अगर बाबा साहेब अंबेडकर खुद भी आ जाएं तो संविधान खत्म नहीं कर सकते’..! राजस्थान में पीएम मोदी ने भरी हुंकार, कांग्रेस को दिया मुंहतोड़ जवाब 

इसके पहले गुरूवार को भी ACB/EOW ने बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई में कई कारोबारी और लोकसेवकों के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की है। वहीं, आबकारी घोटाले केस में ही सुप्रीम कोर्ट की आपत्ति के बाद ED ने ACB/EOW की FIR को आधार बनाकर, रायपुर जोनल ऑफिस में दूसरी ECIR दर्ज की है, जिसमें कुल 70 लोगों को आरोपी बनाया है। ये वही आरोपी हैं जिनपर 17 जनवरी को EOW ने FIR दर्ज की थी।अब ED सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब करेगी।

Read More: IPL 2024 DC vs LSG: दिल्ली कैपिटल्स ने लखनऊ सुपरजायंट्स को छह विकेट से हराया 

पूर्ववर्ती सरकार के समय के इन सभी घाटालों और खासकर आबकारी केस में कारोबारियों, नेताओं के करीबियों पर EOW का ताजा एक्शन कांग्रेस को जरा भी रास नहीं आ रहा है। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि चुनाव करीब आते ही, विरोधियों पर दबाव बनाने के लिए ED,EOW की कार्रवाई तेज हो जाती है। यही BJP का चरित्र है। इधर, बीजेपी का कहना है ये सब स्वतंत्र ऐजेंसियां हैं, जिनका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है , कांग्रेस को अपने भ्रष्टाचार का फल भुगतना ही होगा।

Read More: सपने में देवी ने मांगी नरबलि! महिला ने कर दी दुकानदार की हत्या

जांच ऐजेंसियों के एक्शन का ये सिलसिला भले ही नए सिरे से एक्टिव दिख रहा हो लेकिन ना तो घोटालों के आरोप नए हैं और ना ही कार्रवाइयों के जरिए सियासी दबाव बनाने के आरोप ही नए हैं। 2023 के चुनाव में भी बीजेपी-कांग्रेस के बीच इसी विषय पर डिबेट जारी रही।अब सवाल ये है कि जिन कारोबारियों और नेताओं पर दबिश के बाद वाकई कांग्रेस के रसूखदार नेताओँ का नंबर है, क्या यही है कांग्रेस के भय की वजह ये इस पर बेवजह की सियासत जारी है?