SarkarOnIBC24: राहुल का ‘जाति जनगणना’ वाला राग, कहा- मेनिफेस्टो देखकर घबरा गए PM मोदी

SarkarOnIBC24: राहुल का 'जाति जनगणना' वाला राग, कहा- मेनिफेस्टो देखकर घबरा गए PM मोदी! Lok Sabha chunav 2024

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  • Publish Date - April 24, 2024 / 11:48 PM IST,
    Updated On - April 24, 2024 / 11:48 PM IST

नई दिल्ली: Lok Sabha chunav 2024 एक तरफ पीएम मोदी पूरे देश में घूम-घूम कर ये प्रचार कर रहे हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो दलितों और आदिवासियों का आरक्षण छीन कर मुस्लिमों को दे दिया जाएगा। इधर राहुल गांधी इसे पहले चरण के आकलन के बाद बीजेपी की बौखलाहट बता रहे हैं। राहुल ने कहा कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो देखकर PM घबरा गए हैं। राहुल ने जातिगत जनगणना का मुद्दा फिर दोहराया। पीएम मोदी के आक्रमण चुनाव प्रचार के बीच राहुल ने देश के सामने कुछ टेक्निकल और कागजी तथ्य रखे हैं। जनता इन तथ्यों को कितना समझ पाएगी।

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Lok Sabha chunav 2024 राहुल गांधी ने ये हुंकार दिल्ली के सामाजिक न्याय सम्मेलन में भरी है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो देखकर PM घबरा गए हैं। राहुल ने पीएम मोदी के हर आरोपों का जवाब दिया। जातिगत जनगणना पर राहुल ने कहा कि PM मोदी कहते हैं कि देश में केवल 2 जाति हैं। अमीर और गरीब तो गरीबों की लिस्ट निकालिए, उसमें आपको दलित, आदिवासी-OBC मिल जाएंगे, लेकिन अमीरों की लिस्ट में आपको ये तीनों समुदाय के लोग नहीं मिलेंगे। राहुल ने कहा कि सामाजिक न्याय उनके लिए एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है। ये उनकी लाइफ का मिशन है।

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राहुल ने कहा कि देश की टॉप 200 बड़ी कंपनियों की मालिकों में से 25 लोगों को नरेंद्र मोदी ने 16 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। इतने पैसे से देश के किसानों की 25 बार कर्जमाफी की जा सकती है। इन 200 कंपनियों में से एक आदिवासी नहीं, एक दलित नहीं, एक OBC नहीं है। और यही बात राहुल ने मीडिया ग्रुप को लेकर भी की।

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राहुल ने कहा कि जाति-जनगणना केवल कास्ट सर्वे नहीं है बल्कि इसे इकॉनोमिक और इंस्टिटूयूशनल सर्वे भी जोड़ेंगे। जिससे सबको पता चलेगा कि किस जाति के लोगों की कितनी आमदनी है और अलग-अलग संस्थानों में इनकी कितनी भागीदारी है। तो कुल मिलाकर राहुल गांधी ने जातिगत सर्वे को आधार बनाकर देश के इकोनॉमिक सिचुएशन के एक्सरे का दावा किया है। लेकिन देखना होगा कि पीएम मोदी के धुआंधार चुनाव प्रचार के बीच राहुल अपनी टेक्निकल और कागजी लैंग्वेज को जनता तक कितना पहुंचा पाते हैं।

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