The Big Picture With RKM: लोकसभा चुनाव 2024 का महासमर.. क्या रहा सार? किन मुद्दों पर हुई जंग, कहां लगा तड़का ? देखें

The Big Picture With RKM : चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है, अगर हम मोदी के ध्यान को प्रचार ना माने तो और कल जो है वह वोटिंग हो जाएगी फाइनल सातवें चरण की और उसके बाद 4 तारीख को नतीजे आ जाएंगे। उस दिन यह पता लग जाएगा कि जो पिछले 75 दिन में जो चुनाव प्रचार हुआ उसमें किसका जोर चला?

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  • Publish Date - June 1, 2024 / 12:16 AM IST,
    Updated On - June 1, 2024 / 12:20 AM IST

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The Big Picture With RKM: सात चरणों का लंबा चुनाव देश में अंतिम दौर के आते-आते वोटिंग संपन्न होते-होते हर चरण का अलग रंग हमने देखा, कुछ अलग मुद्दे हमने देखे। कुछ नए शब्द इसमें गूंजे अगर 2024 के पूरे चुनाव को समप करना चाहे तो किस तरह करेंगे ? देखिए

चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है, अगर हम मोदी के ध्यान को प्रचार ना माने तो और कल जो है वह वोटिंग हो जाएगी फाइनल सातवें चरण की और उसके बाद 4 तारीख को नतीजे आ जाएंगे। उस दिन यह पता लग जाएगा कि जो पिछले 75 दिन में जो चुनाव प्रचार हुआ उसमें किसका जोर चला? किसकी बात को जनता ने मानकर अपना वोट दिया और यह जो चुनाव थे काफी दिलचस्प रहे, जिसमें कि दो खेमे थे जिसमें जो मझे हुए दोनों तरफ खेमों में इस बार जो कलाकार थे उन्होंने काफी दमखम और अपनी पूरी ताकत से चुनाव लड़ा। एक तरफ थे मोदी बीजेपी और उनके एनडीए के साथी, दूसरी तरफ के जो मुख्य कलाकार थे वह राहुल गांधी थे, प्रियंका थी, खड़गे थे और उनके जो दूसरे साथी थे। कुछ सहयोगी कलाकार भी थे जिन्होंने काफी अच्छा अपना नाम बनाया चाहे वह तेजस्वी हो, अखिलेश हो, ममता बनर्जी हो और कुछ मेहमान कलाकार भी थे जिन्होंने काफी इसमें एक अच्छा छौका लगाया पूरे चुनाव में , जैसे कि मणीशंकर अय्यर हो या सैम पित्रोदा हो।

तो यह सब मिलकर जो पूरा 75 दिन का यह जो चुनाव चला, जिसमें कि किसी ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी उसमें मेरे हिसाब से पांच बड़ी बातें निकल के आती हैं। अगर हम चुनाव प्रचार की शुरुआत देखें तो सबसे, पहले बीजेपी ने और खासकर नरेंद्र मोदी ने अबकी बार 400 पार का नारा देकर एक नरेटिव गढ़ने की कोशिश की और उन्होंने यह मान के चले कि इस बार हम 400 से ज्यादा सीटें लेकर आएंगे लेकिन जब पहले दो फेज की जो वोटिंग हुई और उसमें जब वोटर्स का वोटिंग परसेंटेज कम आया तो बीजेपी को यह चिंता हुई कि शायद उसका वोटर उसको वोट देने को नहीं निकल रहा और उसी तरफ एक काउंटर ऑफेंसिव कांग्रेस ने मारा कि भाई बीजेपी को 400 से ज्यादा सीटें इसलिए चाहिए क्योंकि यह संविधान को बदलने की बात करेगी और संविधान को बदल देगी। अगर इनको 400 से ज्यादा सीटें आई तो, इसको देखते हुए यह थोड़ा सा बीजेपी ने उसके बाद टोन डाउन किया।

अब दूसरा मुद्दा कौन सा बड़ा बना इसी से रिलेटेड कि जब संविधान बदलने की बात आई तो राहुल गांधी यहां तक कि एक लाल किताब पकड़ के जिसको कि वह कहते थे कि भारत का संविधान है उस किताब को पकड़ के उन्होंने कई सारी रैलियां की और उन्होंने कहा कि देखिए यह जो बीजेपी है यह पूरा संविधान बदलने की बात कर रही है अगर आपने इसको जिताया तो यह संविधान बदल देंगे उसके काउंटर में बीजेपी ने कहा, मोदी ने खासकर कहा कि भैया हम नहीं संविधान बदलेंगे बल्कि कांग्रेस जो है वो एससी एसटी और ओबीसी का जो आरक्षण है वो मुसलमान को देने का काम कर रही है जो कांग्रेस की रूल स्टेट है उसमें उन्होंने ऐसा किया और अब यह जो आगे आने वाला जो समय है ये वो करेंगे। हम कभी संविधान बदलने की बात नहीं करते। हालांकि थोड़ा बीजेपी उससे असहज हुई अमित शाह को भी मैदान में कूदना पड़ा उन्होंने कहा जी 10 साल में भी हमारे पास इतने लोग थे इतने सदस्य थे कि हम संविधान बदल सकते थे लेकिन हमने ऐसा नहीं किया तो यह जो संविधान को बदलने की बात की और अच्छी बात है भाई यह देश का संविधान है उसी पर सबको चलना चाहिए। अगर उसको लेकर सवाल उठते हैं तो दोनों पार्टियों ने इसके ऊपर खूब दमखम लगाया और अब देखना पड़ेगा कि जनता ने उसमें से क्या समझा।

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तीसरी बात यह आई कि कांग्रेस ने फिर एक बड़ी बात बोली जो लगातार गांधी राहुल गांधी कहते रहे कि हम जाति जनगणना कराएंगे और जातीय जनगणना के हिसाब से जिसकी जितने नंबर होंगे उसकी उतनी भागीदारी होगी यानी कि जिन भी जातियों के जो भी ज्यादा नंबर होंगे तो उसके हिसाब से आरक्षण और दूसरे नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे। यहां पर आकर मोदी ने फिर इसको पकड़ा कि जब ये चलने लगा कि उन्हें लगा कि इससे एससी एसटी को असर पड़ सकता है और वो उनकी तरफ आकर्षित हो सकते हैं तो उन्होंने एक और शिगूफा छोड़ा कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में ये लिखा है कि भैया यह जनगणना हम कराएंगे साथ ही साथ आर्थिक जनगणना भी कराएंगे और जिसकी ज्यादा संपत्ति होगी उसको दूसरों में बांट देंगे, तो बात यहां तक पहुंची कि आपकी मंगलसूत्र ये छीन लेंगे भैंस तक छीन के मुसलमानों को दे देंगे। उन्होंने इसमें एक नैरेटिव मुसलमान वाला भी घुसा दिया तो अब इसके ऊपर ये यह बड़ा एक मुद्दा बनता चला गया। तो यह तीसरा एक मुद्दा बड़ा बना जिसमें कि जाति जनगणना और आपकी संपत्ति की जनगणना होगी और इसी में एक तड़का लगाया मेहमान कलाकार ने इनहेरिटेंस टैक्स का मुद्दा छेड़ के। उसको लेके भी बीजेपी ने खूब कहा कि भैया देखिए इनकी सोच ही ऐसी है ये आपकी संपत्ति भी बांट देंगे बल्कि जो आप अपने बाल बच्चों के लिए संपत्ति कमाते हो उसको भी छीन लेंगे तो यह एक बड़ा नैरेटिव चला।

एम फैक्टर पर रहा चुनाव का पूरा फोकस

उसके बाद जो चौथा बड़ा एक नैरेटिव आया वो है एम फैक्टर जिसमें सबसे बड़ा एम जो है वो मोदी है। इस चुनाव के शुरुआत से लेकर एंड तक मोदी एक खुद एक बहुत बड़े फैक्टर बने रहे। मोदी ने सबसे ज्यादा प्रचार किया उन्होंने राहुल गांधी से डबल रैली की और 80 के करीब इंटरव्यूज दिए तो यह एक ‘मोदी’ खुद बड़ा फैक्टर था। लेकिन जैसे-जैसे प्रचार शुरू होता गया आपने देखा होगा कि मंगलसूत्र, मटन, मछली, मुसलमान, महिला और यहां तक कि मुजरे पर आकर यह एम फैक्टर टिका। अब इन फैक्टर का कितना असर हुआ यह तो मतदान जो हुआ है उसके जब रिजल्ट आएंगे तब पता लगेगा कि इसका कितना असर हुआ लेकिन यह एम फैक्टर और मुसलमान को लेकर यह प्रमुखता से रहा और अंत में कोई भी भारत का चुनाव कैसे पॉसिबल है अगर उसमें पाकिस्तान का नाम नहीं आए और पाकिस्तान को लाने वाले कोई मुख्य कलाकार नहीं थे, मेहमान कलाकार थे मणिशंकर अय्यर जिन्होंने यह कह दिया कि भैया पाकिस्तान से हमको थोड़ा सा उनसे डरना चाहिए क्योंकि उनके पास परमाणु बम है, उनको इज्जत देनी चाहिए। इसको लेकर बीजेपी ले उड़ी उन्होंने मजबूत नेता मजबूत देश और क्या कहते हैं उसको पूरा कहा कि पाकिस्तान से हम नहीं डरते कोई हमारे बम फ्रीज में थोड़े रखे हुए हैं और एक और कदम आगे बढ़ते हुए वह पीओके तक पहुंच गए और उन्होंने कहा कि पीओके हमारा था है और रहेगा और योगी आदित्यनाथ ने इतना तक कह दिया कि अगर सरकार बनती है तो छ महीने के अंदर हम पीओके को देश में मिला लेंगे तो एक बार फिर से जो देश भक्ति और देश नेशनलिज्म की जो बात बीजेपी करती है उस मुद्दे पर लौटने का मौका उनको कांग्रेस के लोगों ने दे दिया तो एक यह मुद्दा काफी बड़ा रहा।

इस तरीके से मेरे हिसाब से जो पांच बड़े मुद्दे जो हैं, इस पूरे 2024 के चुनाव में यह माना जाएगा कि बड़े टेक अवेज है कि यह इन मुद्दों पर लगातार बात होती रही अब 4 जून आने वाला है, कल आखरी दौर का चुनाव खत्म हो जाएगा और अब पता लगेगा, जब ईवीएम से मतों के रिजल्ट निकलेंगे। कि किन मुद्दों को जनता ने समझकर सोच समझकर अपना वोट दिया और किसकी बात को उन्होंने विश्वास किया और उसको सिर पर सेहरा बांध दिया तो यह देखने वाली बात होगी।इसके अलावा भी हमने देखा राम मंदिर महंगाई बेरोजगारी इनकी चर्चा लगातार मुद्दों के तौर पर की जाती रही, बहुत कोशिश की गई इनके ऊपर सारी डिबेट्स लाने की लेकिन सीधे-सीधे कोई बड़ा असर छोड़ते नजर नहीं आए पर क्या वाकई जैसा विपक्ष कह रहा है कि अंडर करंट बहुत सारी चीजें हैं तो क्या इसका भी कोई अंडर करंट है देखेंगे 4 तारीख को पता चलेगा।

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