उत्तर भारतीय राज्यों के चुनावों में भाजपा से 'मिली-जुली कुश्ती' लड़ती है एआईएमआईएम: दिग्विजय सिंह |

उत्तर भारतीय राज्यों के चुनावों में भाजपा से ‘मिली-जुली कुश्ती’ लड़ती है एआईएमआईएम: दिग्विजय सिंह

उत्तर भारतीय राज्यों के चुनावों में भाजपा से 'मिली-जुली कुश्ती' लड़ती है एआईएमआईएम: दिग्विजय सिंह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : September 7, 2021/9:12 pm IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), सात सितंबर (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन () के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी द्वारा उत्तरप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में करीब 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा पर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को दावा किया कि ओवैसी की पार्टी उत्तर भारतीय राज्यों के चुनावों में भाजपा के साथ मिली-जुली कुश्ती लड़ती है।

सिंह ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘ओवैसी की पार्टी उनके गृह राज्य तेलंगाना में सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव क्यों नहीं लड़ती? उनकी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव क्यों लड़ती है और यह पार्टी उत्तरप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में क्यों उतरेगी? यह केवल भाजपा से मिली-जुली कुश्ती है और मैं इस बात को शुरु से कहता रहा हूं।’

उन्होंने कहा, ‘कट्टरपंथी विचारधारा चाहे हिंदुओं की हो या मुसलमानों की, यह एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।’

तालिबान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कथित तुलना संबंधी लेखक-गीतकार जावेद अख्तर के विवादित बयान पर राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘अख्तर, देश के प्रतिष्ठित विचारक हैं। उन्होंने किस संदर्भ में यह बयान दिया, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन देश का संविधान हर नागरिक को अपने विचार अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता देता है। यह स्वतंत्रता अख्तर को भी है, भले ही आप उनसे सहमत हों या न हों।’

मध्यप्रदेश में एमबीबीएस विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष के आधार पाठ्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और हिंदुत्व से जुड़ी अन्य हस्तियों के बारे में पढ़ाए जाने की राज्य सरकार की योजना पर पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने तंज कसा कि भाजपा शासित सूबे में इन विद्यार्थियों को अब मेडिकल की मूल पढ़ाई की जरूरत नहीं है।

उन्होंने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जिस विचारधारा के ये लोग हैं, उसका विज्ञान और आधुनिकता से कोई लेना-देना नहीं है। इस विचारधारा के लोग देश को 17वीं और 18वीं सदी में दोबारा ले जाना चाहते हैं।’

भाषा हर्ष

राजकुमार

राजकुमार

 

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