मप्र के आदिवासियों को सशक्त बनाने के लए पेसा एक्ट लागू करने सहित कई सौगात देने का ऐलान |

मप्र के आदिवासियों को सशक्त बनाने के लए पेसा एक्ट लागू करने सहित कई सौगात देने का ऐलान

मप्र के आदिवासियों को सशक्त बनाने के लए पेसा एक्ट लागू करने सहित कई सौगात देने का ऐलान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : September 18, 2021/10:15 pm IST

जबलपुर (मप्र), 18 सितंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को आदिवासियों को सशक्त बनाने के लिए पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम यानी पेसा एक्ट लागू करने एवं 89 जनजातीय बहुल विकासखण्डों में जनजातीय भाई-बहनों को घर-घर राशन वितरण करने सहित उनके वास्ते कई सौगातों का ऐलान किया।

जबलपुर में गैरीसन ग्राउंड में आयोजित अमर शहीद शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, ‘‘हम सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार जनजातीय भाई-बहनों को देने जा रहे हैं। पेसा एक्ट चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में लागू किया जायेगा। पेसा एक्ट की भावना के अनुरुप जंगल प्रबंधन होगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ पेसा एक्ट ग्राम सभा को सामुदायिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार देता है। वन भी सामुदायिक संसाधन है। इसे अमलीजामा पहनाने के लिये हम सामुदायिक वन प्रबन्धन समितियों के गठन की जिम्मेदारी ग्राम सभा को देने जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अब सामुदायिक वन प्रबंधन समितियाँ कार्ययोजना के अनुसार हर साल का सूक्ष्म योजना बनाएंगी और उसे ग्राम सभा से अनुमोदित कराएँगी। उनका कहना था कि समितियाँ ही उस प्लान को क्रियान्वित करेंगी तथा वन विभाग का अमला समितियों को इस काम में मदद करेगा तथा आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराएगा।

चौहान ने कहा, ‘‘ वन प्रबंधन के अधिकारों के साथ हमने तय किया है कि हम ’ग्राम स्वराज’ का सर्वोत्तम उदाहरण पेश करें। पंचायती राज व्यवस्था की पाँचवी अनुसूची के क्रियान्वयन में समस्याएँ थीं, उनका निराकरण करने की हमने ठान ली है। हमने निर्णय लिया है कि सामुदायिक वन प्रबंधन के अधिकार जनजातीय बन्धुओं को दिए जाएंगे। तेंदूपत्ता बेचने का काम भी वन समिति करेंगी।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रदेश में एक नवंबर से जनजातीय बहुल विकासखंडों में घर-घर राशन वितरण किया जायेगा। हम गाँव-गाँव तक राशन पहुँचाने की एक नई योजना प्रारंभ करने जा रहे हैं। इसका लाभ हमारे जनजातीय विकासखण्डों के 7,500 से अधिक गाँव में रहने वाले 23.80 लाख परिवारों को मिलेगा। इन परिवारों तक राशन की सामग्री वाहनों से पहुँचाई जायेगी।’’

उन्होंने कहा कि जनजातीय युवाओं को गाँव में ही रोजगार प्रदान करने के लिए राशन के वाहन सरकार उन्हीं से किराए पर लेगी।

चौहान ने कहा, ‘‘पराक्रमी राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह ने अपनी मातृ-भूमि, अपने धर्म, अपने राज्य की रक्षा के लिये और भारत माता की परतन्त्रता की जंजीरों को काटने के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है। ऐसे जनजातीय नायकों को समर्पित भव्य स्मारक का निर्माण कराया जायेगा, जिसका सूत्रपात आज किया गया है। हर साल 18 सितम्बर को बलिदान दिवस मनाया जायेगा।’’

मुख्यमंत्री ने जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिये राज्य सरकार द्वारा लिये गये फैसलों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रुप में मनाई जायेगी।

चौहान ने छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम ‘‘राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय’’ करने की घोषणा की।

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।

भाषा रावत राजकुमार

राजकुमार

 

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