संघ की तुलना हिन्दू धर्म से कर भागवत ने सनातनियों का अपमान किया, माफी मांगे: दिग्विजय सिंह

संघ की तुलना हिन्दू धर्म से कर भागवत ने सनातनियों का अपमान किया, माफी मांगे: दिग्विजय सिंह

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  • Publish Date - November 12, 2025 / 09:04 PM IST,
    Updated On - November 12, 2025 / 09:04 PM IST

भोपाल, 12 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने इस संगठन के पंजीकृत नहीं होने की तुलना हिंदू धर्म के पंजीकृत न होने से करके सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था का अपमान किया है।

दिग्विजय नेू भागवत को एक पत्र लिखकर कहा कि उन्हें इसके लिए सनातन धर्म को मानने वाले हिन्दुओं से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।

मीडिया से साझा किए गए इस पत्र में सिंह ने लिखा, ‘‘संघ को पंजीकृत नहीं कराने की तुलना हिन्दू धर्म से कर आपने सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों का अपमान किया है। आपके इस वक्तव्य की मैं घोर भर्त्सना करता हूं।’’

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएसएस कभी भी हिन्दू धर्म का पर्याय नहीं बन सकता है क्योंकि हिन्दू धर्म की जड़ें हजारों साल गहरी हैं।

दरअसल भागवत ने रविवार को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में कहा था कि उनके संगठन को व्यक्तियों के एक समूह के रूप में मान्यता प्राप्त है।

उन्होंने कहा था, ‘‘आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी, तो क्या आप उम्मीद करते हैं कि हम ब्रिटिश सरकार के पास पंजीकरण कराते?’’

उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद भारत सरकार ने पंजीकरण अनिवार्य नहीं बनाया। सिंह ने अपने पत्र में कहा कि संघ को हिंदू धर्म से जोड़ना न केवल ऐतिहासिक रूप से गलत है बल्कि यह करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।

उन्होंने कहा कि संघ यदि स्वयं को धर्म का प्रतिनिधि बताता है तो यह उसके अहंकार और अज्ञान का प्रमाण है।

राज्यसभा के वरिष्ठ सदस्य ने कहा, ‘‘देश की आजादी के बाद आज छोटे-बड़े लाखों स्वयंसेवी संगठन देश और प्रदेशों में स्थापित कानून के तहत पंजीकृत हैं और अपने आय व्यय का ब्योरा देते हैं जबकि संघ है कि हर साल करोड़ों रुपये का आय-व्यय करता है और हिसाब देने की जगह पंजीयन के कानून से अपने आप को बचाता रहता है।’’

उन्होंने भागवत से सवाल किया कि यदि संघ को आयकर से छूट मिली है तो वह आदेश बताएं, जिसमें संघ को आयकर जमा करने से छूट दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘आपके संगठन ने एक शताब्दी के सफर में करोड़ों रुपये अभ्यास वर्गों, सम्मेलनों, बैठकों और यात्राओं में खर्च किए होंगे। पर आपको देश की संवैधानिक व्यवस्था में और संविधान में विश्वास नहीं है। इसलिए आप हिसाब-किताब देने से बचने के लिए आज तक पंजीयन नहीं कराकर अनेक कुतर्क गढ़ रहे हैं।’’

कांग्रेस नेता ने भागवत से निवेदन किया कि सनातन धर्म की संघ से तुलना करने पर उन्हें करोड़ों हिन्दुओं से माफी मांगनी चाहिए।

सिंह ने कहा, ‘‘हमारे वेद-पुराण सदियों से हिन्दू धर्म मानने वालों की आस्था के केंद्र हैं। हिन्दू धर्म ही नहीं दुनिया के किसी भी धर्म का कहीं पंजीयन नहीं कराया जाता है।’’

उन्होंने भागवत से कहा, ‘‘आप हिन्दू धर्म के पंजीयन नहीं होने से संघ की तुलना करने के शब्द वापस लेकर खेद व्यक्त करने का साहस दिखाएं।’’

मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार करते हुए कहा कि सिंह बिना तथ्यों के बात करते हैं और कांग्रेस आलाकमान के पास अपनी इज्जत बनाने के लिए ‘अनर्गल’ आरोप लगाते हैं।

प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, ‘‘आरएसएस ने देश के लिए जो किया वो सभी के सामने है, बिना तथ्यों के केवल मीडिया में सुर्खियों में बने रहने के लिए आरोप लगाना उचित नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दिग्विजय सिंह का इतिहास सभी को पता है। आतंकियों को संरक्षण देने, जाकिर नाइक के मंच पर उनका महिमामंडन करने और पाकिस्तान परस्ती की बात करने वाले दिग्विजय सिंह देश को तोड़ने की ही बात करेंगे।’’

भाषा ब्रजेन्द्र शोभना

शोभना