मप्र में भारत बंद का कोई बड़ा असर नहीं, भोपाल-इंदौर अप्रभावित |

मप्र में भारत बंद का कोई बड़ा असर नहीं, भोपाल-इंदौर अप्रभावित

मप्र में भारत बंद का कोई बड़ा असर नहीं, भोपाल-इंदौर अप्रभावित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : September 27, 2021/6:08 pm IST

भोपाल/इंदौर, 27 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद का सोमवार को मध्य प्रदेश में कोई बड़ा प्रभाव नहीं रहा तथा राज्य में रोजमर्रा की व्यावसायिक गतिविधियां पहले की तरह चलती रहीं।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि प्रदेश की राजधानी भोपाल और व्यावसायिक केंद्र इंदौर में सड़क यातायात सामान्य रहा।

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार कक्काजी ने हालांकि पीटीआई-भाषा से बातचीत में दावा किया, ‘‘ तीन कानूनों के खिलाफ और फसलों के गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर किसानों द्वारा किया गया बंद सफल रहा।’’

उन्होंने कहा कि संगठन ने भोपाल को बंद से छूट दी थी क्योंकि यहां अधिकतर लोग कर्मचारी हैं, न कि किसान, लेकिन निमाड़ क्षेत्र, शहडोल, उमरिया, रायसेन और सिलवानी जैसे किसान बहुल छोटे कस्बों में बंद सफल रहा।

कक्काजी ने कहा कि वह भोपाल में नियंत्रण कक्ष में बैठे हैं और उन्हें प्रदेश में बंद के सफल होने के समाचार मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बंद के दौरान कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

विदिशा और सतना जिलों में किसानों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्थित भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने भारत बंद को समर्थन नहीं दिया। बीकेएस के मालवा प्रांत (इंदौर-उज्जैन संभाग) के अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सरकार के साथ वार्ता के जरिये किसानों के मसले शांतिपूर्ण ढंग से हल किए जाएं।’’

किसान संगठनों ने सोमवार को सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक भारत बंद का आह्वान किया था।

सरकार ने नए कृषि कानूनों को बड़े सुधारों के रूप में पेश किया है लेकिन किसान संगठनों का आरोप है कि ये कानून किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों की दया पर छोड़ देंगे।

किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर तीनों नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

भाषा दिमो दिमो नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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