इंदौर (मध्यप्रदेश), 15 मई (भाषा) इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के कर्मचारियों के लिए नयी वर्दी के चयन पर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस गणवेश को ‘‘फौजियों जैसी वर्दी’’ करार देते हुए आरोप लगाया कि दस्ते के ‘भ्रष्ट’ कर्मचारियों द्वारा यह वर्दी पहनना सेना का अपमान है।
अधिकारियों ने बताया कि आईएमसी के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के कर्मचारियों के लिए ‘‘कैमोफ्लॉज’’ वर्दी का चयन किया गया है ताकि उनमें अनुशासन की भावना बढ़े और ड्यूटी के वक्त उनका पहनावा एक जैसा रहे।
आईएमसी में प्रतिपक्ष के नेता चिंटू चौकसे ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘आईएमसी प्रशासन ने अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों के लिए फौजियों जैसी वर्दी चुनकर सेना का अपमान किया है। ये कर्मचारी ठेलों और रेहड़ी वालों से अवैध वसूली के लिए बदनाम हैं।‘’
चौकसे ने कहा कि अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों का ‘फौजियों जैसी वर्दी’ पहनना कानूनन गलत है, इसलिए आईएमसी प्रशासन को इन कर्मचारियों के लिए ऐसी वर्दी चुनने का फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए।
उन्होंने यह मांग भी की कि सेना के कथित अपमान के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव को इस्तीफा देना चाहिए और आईएमसी आयुक्त शिवम वर्मा को इस पद से हटाया जाना चाहिए।
महापौर भार्गव ने कहा कि अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों की नयी वर्दी को फौजियों की वर्दी से जोड़ा जाना सरासर गलत है। राजनीति में आने से पहले मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के अतिरिक्त महाधिवक्ता रह चुके भार्गव ने कहा,‘‘कैमोफ्लॉज वर्दी पहनना कोई अपराध नहीं है। अपराध तब है, जब कोई इस वर्दी पर सेना के प्रतीक चिन्ह धारण करे।’’
आईएमसी के आयुक्त वर्मा ने कहा कि अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों के लिए नयी वर्दी का चयन अनुशासन और उनके पहनावे में एकरूपता के मकसद से किया गया है। उन्होंने कहा,‘‘अगर इस वर्दी पर किसी को कोई आपत्ति है, तो हम इसका परीक्षण करेंगे और नियमों के मुताबिक उचित कदम उठाएंगे।’’
भाषा हर्ष रंजन
रंजन