नवीन कुमार सिंह, भोपालः Congress promises prohibition विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है मध्य प्रदेश में सियासत गरमाती जा रही है। कौन सा मुद्दा उछालकर किस वर्ग को अपने पाले में लाना है ये राजनीतिक दल अच्छे से जानते हैं। कांग्रेस ने आज एलान किया है कि अगर 2023 में उनकी सरकार बनती है तो बिहार, गुजरात की तरह मध्यप्रदेश में शराबबंदी हो जाएगी। सवाल यही है कि शराबबंदी का एजेंडा ही 2023 में सबसे बड़ा चुनावी मुददा बनेगा?
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Congress promises prohibition एमपी में शराबबंदी को लेकर उमा भारती फिर मैदान में उतर गईं है। 2 अक्टूबर को कर्फ्यू वाली माता मंदिर में दर्शन कर पूर्व मुख्यमंत्री ने पूर्ण शराबबंदी के लिए नशा मुक्ति अभियान की शुरूआत की..जो 30 नवंबर तक जारी रहेगा। नशामुक्ति अभियान में बाबा रामदेव और सीएम शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए। इस दौरान सीएम ने शराबबंदी के बजाए ये दावा ज़रुर किया कि मध्यप्रदेश से हुक्का लाउंज जरुर बंद हो जाएंगे।
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मुख्यमंत्री के बयान से फिलहाल ये तो साफ हो गया कि एमपी में फिलहाल शराबबंदी नहीं होगी। लेकिन सरकार के नशा मुक्ति अभियान शुरु करने के 24 घंटे बाद कांग्रेस ने शराबबंदी को बड़ा पॉलिटिकल एजेंडा बना लिया है। कांग्रेस ने ये दावा किया है कि सत्ता में लौटते ही मध्यप्रदेश में गुजरात और बिहार की तरह पूर्ण शराबबंदी होगी। पार्टी इसे अपने वचन पत्र में भी शामिल करेगी।
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जाहिर है कांग्रेस शराबबंदी की मांग को लेकर अब घर घर माहौल बनाने की तैयारी में है। PCC चीफ कमलनाथ ने भी एक के बाद एक कई ट्वीट करके बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस के ऐलान के बाद सरकार के मंत्री डैमेज कंट्रोल में जुटे और कांग्रेस को उसके कर्जमाफी और बेरोजगारी भत्ता देने के वादे का हश्र याद दिला दिया।
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बहरहाल कांग्रेस मिशन 2023 की जोरदार तैयारी में जुटी है। चुनाव से पहले कांग्रेस को बैठे-बिटाए शराबबंदी का मुद्दा मिल गया है। हालांकि शराबबंदी की मांग कांग्रेस की तरफ से नहीं उठी थी, ये मांग तो खुद बीजेपी की फायर ब्रांड नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने उठाई थी। उमा भारती के यू टर्न के बाद कांग्रेस ने इसे हथिया लिया है। शराबबंदी आधी आबादी की मांग है। ऐसे में सवाल है कि चुनाव से पहले शराबबंदी पर कांग्रेस का वचन बीजेपी की टेशन बढ़ाएगा।