इंदौर के चिकित्सा महाविद्यालय छात्रावास के ब्लॉक से आम्बेडकर का नाम ‘‘मिटाए’’ जाने पर विवाद |

इंदौर के चिकित्सा महाविद्यालय छात्रावास के ब्लॉक से आम्बेडकर का नाम ‘‘मिटाए’’ जाने पर विवाद

इंदौर के चिकित्सा महाविद्यालय छात्रावास के ब्लॉक से आम्बेडकर का नाम ‘‘मिटाए’’ जाने पर विवाद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : January 18, 2022/9:33 pm IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), 18 जनवरी (भाषा) इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रावास के एक ब्लॉक से संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आम्बेडकर का नाम कथित तौर पर मिटाए जाने को लेकर मंगलवार को विवाद खड़ा हो गया।

चश्मदीदों ने बताया कि रेसीडेंसी क्षेत्र स्थित चिकित्सा महाविद्यालय छात्रावास के ब्लॉक नम्बर-दो के बाहर अंग्रेजी में ‘‘डॉ. बी आर आम्बेडकर’’ लिखा था जिस पर सफेद रंग पोत दिया गया।

उन्होंने बताया कि आम्बेडकर के अनुयायी विद्यार्थियों के साथ ही भीम आर्मी और कुछ अन्य संगठनों के नेताओं ने मौके पर पहुंचकर इस कृत्य पर विरोध जताया।

इस बारे में पूछे जाने पर चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘छात्रावास परिसर में जारी पुताई के दौरान ब्लॉक नम्बर-दो पर सफेद रंग पोते जाने से आम्बेडकर का नाम मिट गया था। बाद में नये सिरे से दोबारा यह नाम लिख दिया गया।’’

उन्होंने कहा कि छात्रावास ब्लॉक से आम्बेडकर का नाम जान-बूझकर नहीं मिटाया गया था और यह नाम दोबारा लिखे जाने के साथ ही इस विवाद का पटाक्षेप हो गया है।

इस बीच, भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष विनोद यादव आम्बेडकर ने आरोप लगाया कि चिकित्सा महाविद्यालय छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों का एक धड़ा ब्लॉक नम्बर-दो का नामकरण स्वामी विवेकानंद के नाम पर करना चाहता है और इस कारण ब्लॉक से आम्बेडकर का नाम जान-बूझकर मिटाया गया।

उन्होंने कहा, ‘छात्रावास ब्लॉक से आम्बेडकर का नाम मिटाए जाने से संविधान निर्माता के लाखों अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस हरकत के दोषियों पर अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज होना चाहिए।’

भीम आर्मी जिलाध्यक्ष ने डीन के इस दावे को गलत बताया कि चिकित्सा महाविद्यालय छात्रावास में पुताई चल रही है। उन्होंने कहा, ‘छात्रावास के ब्लॉक नम्बर-दो के केवल उस हिस्से पर सफेद रंग पोता गया, जहां पिछले 10 साल से आम्बेडकर का नाम लिखा था।’

भीम आर्मी जिलाध्यक्ष के मुताबिक, चिकित्सा महाविद्यालय प्रशासन ने नहीं, बल्कि आम्बेडकर समर्थकों ने इस जगह पर दोबारा संविधान निर्माता का नाम लिखवाया।

गौरतलब है कि ‘दलितों के मसीहा’ के रूप में मशहूर आम्बेडकर ने इंदौर के नजदीक महू में 14 अप्रैल 1891 को जन्म लिया था।

भाषा हर्ष सिम्मी

सिम्मी

 

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