इंदौर में तीन ‘‘ट्रांसवुमन’’ को सरेआम पीटा, बेइज्जत करके बाल काटे |

इंदौर में तीन ‘‘ट्रांसवुमन’’ को सरेआम पीटा, बेइज्जत करके बाल काटे

इंदौर में तीन ‘‘ट्रांसवुमन’’ को सरेआम पीटा, बेइज्जत करके बाल काटे

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Modified Date: February 5, 2025 / 06:33 PM IST
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Published Date: February 5, 2025 6:33 pm IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), पांच फरवरी (भाषा) इंदौर में तीन ‘ट्रांसवुमन’ को सरेआम पीटने और उनके सिर के लंबे बाल काटकर उन्हें बेइज्जत करने के आरोपों में तृतीय लिंग के अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

‘ट्रांसवुमन’ यानी ऐसे लोग जिन्हें जन्म के समय पुरुष माना गया था, लेकिन उनकी लैंगिक पहचान महिला की होती है और वे खुद को महिला के तौर पर सहज महसूस करते हैं।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि तृतीय लिंग के लोगों के एक समूह ने 19 से 22 साल के बीच की उम्र वाली तीन ‘‘ट्रांसवुमन’’ के साथ शहर के राजबाड़ा क्षेत्र में 25 जनवरी को मारपीट की, जब वे वहां खरीदारी के लिए गई थीं।

उन्होंने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि इस समूह ने ‘ट्रांसवुमन’ द्वारा महिलाओं की तरह श्रृंगार करने पर आपत्ति जताते हुए उनसे पूछा कि वे असली ‘ट्रांसजेंडर’ हैं या नकली?

प्राथमिकी के मुताबिक आरोपियों द्वारा तीनों ‘‘ट्रांसवुमन’’ के कपड़े उतारने की कोशिश भी की गई और उनके साथ मारपीट करते हुए उनके सिर के लंबे बाल काट दिए गए।

अधिकारी ने बताया कि इस घटना को लेकर एमजी रोड पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता के संबद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है।

जिला ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के सदस्य निकुंज ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘शहर की तीन ट्रांसवुमन के साथ हुई इस घटना को तृतीय लिंग के उन लोगों ने अंजाम दिया जो महिला की वेश-भूषा में रहते हैं और पारंपरिक रूप से नेग मांगकर गुजारा करते हैं।’

उन्होंने कहा कि यह इस तरह की कोई पहली घटना नहीं है और पुलिस-प्रशासन को इन घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।

प्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता तिर्की बेक ने कहा कि ऐसी घटनाओं पर रोक के लिए तृतीय लिंग समुदाय के लोगों के बीच जागरुकता अभियान चलाया जाएगा और उनके डेरे के गुरु (प्रमुख) से बात की जाएगी।

ट्रांसजेंडर समुदाय की कार्यकर्ता संध्या घावरी ने कहा, ‘समाज बदल गया है। ट्रांसजेंडर समुदाय के कई युवा अब नेग मांगकर गुजारा नहीं करते। वे पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़े होना चाहते हैं।’

उन्होंने कहा कि किसी ‘ट्रांसवुमन’ पर कोई भी व्यक्ति दबाव नहीं बना सकता कि उसे तृतीय लिंग के लोगों के पारंपरिक डेरों में रहकर उनके साथ नेग मांगना होगा।

भाषा

हर्ष, रवि कांत रवि कांत

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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