भोपाल। MP Assembly Election 2023 बात शुरु हुई थी जातीय जनगणना से जो अब तुष्टिकरण पर आ गई है। कांग्रेस पर एक बाद एक कई आरोपों बाद बीजेपी ये साबित करने की कोशिश कर रही है कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती है। लेकिन कांग्रेस ने इन आरोपों का माकूल जवाब दिया है और बीजेपी को कर्नाटक में आईना दिखते हुए कहा है कि यहां विरोध और वहां गलबहियां ऐसे में जब दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहा है तो मध्य प्रदेश को ये बताना ज़रुरी हो जाता है कि तुष्टिकरण से प्रेम क्या सियासी गेम?
MP Assembly Election 2023 सनातन, श्राद्ध, गंगाजल के बाद अब मध्य प्रदेश के चुनाव में तुष्टीकरण की एंट्री हो गई है। आरोप कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर है। हमास-इजाराइल और पीएफआई पर दिए गए उनके एक बयान को आधार बनाते हुए गृहमंत्री नरोत्म मिश्रा उन्हें टारगेट कर रहे हैं और दिग्विजय सिंह को हमास का हिमायती बता रहे हैं।
आईबीसी 24 ने ख़बर को समझने के लिए दिग्विजय सिंह के सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स की पड़ताल की तो हमें पता चला कि वो हमास को एक आतंकवादी संगठन बातते हुए उसके समर्थन न करने का जिक्र कर रहे है। हालांकि पीएफआई वाले बयान पर दिग्विजय सिंह ये ज़रुर कह रहे हैं कि 97 फीसदी मामले फर्जी निकलते हैं। जबकि मामला अभी कोर्ट में है।
बीजेपी के आरोपों के बाद मोर्चा संभाला कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने जिनका मानना है ये कांग्रेस को घेरने की नाकाम कोशिश है उन्होंने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी वाले तो खुद कर्नाटक के पंचायत चुनाव में पीएफआई के पॉलिटिकल विंग के साथ समझौता कर चुके हैं।
मध्यप्रदेश में 33 दिन बाद चुनाव है। दोनों दलों को जीत से कुछ कम मजूंर नहीं। विकास और बदलाव की बात करने वाले राजनीति दलों की सुई अब जातीय जनगणना और तुष्टिकरण पर अटक गई। लेकिन ये पब्लिक है जो सब जानती है।
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