Japanese Encephalitis in Gwalior: प्रदेश के इस जिले में तेजी से फ़ैल रहा जापानी इंसेफेलाइटिस, अलर्ट मोड स्वास्थ्य विभाग
Japanese Encephalitis in Gwalior: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस तेजी से फैल रहा है। जापानी इंसेफेलाइटिस के ग्वालियर
Japanese Encephalitis in Gwalior / Image Credit: Meta AI
ग्वालियर: Japanese Encephalitis in Gwalior: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस तेजी से फैल रहा है। जापानी इंसेफेलाइटिस के ग्वालियर शहर में अब तक तीन मरीज मिल चुके हैं। जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस से संक्रमित तीन पेशेंट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। दरअसल, यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब सागर ताल पानी की टंकी के पास मल्टी में रहने वाली एक 14 साल की नाबालिग जापानी इंसेफेलाइटिस चपेट में आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराई गई।
सैंपल में हुई जापानी बुखार की पुष्टि
Japanese Encephalitis in Gwalior: उसके सैंपल लिए गए उसमें उसे जापानी बुखार की पुष्टि हुई इसके बाद ऐतिहातन स्वास्थ्य विभाग ने वहां पर रहने वाले तकरीबन एक दर्जन लोगों के सैंपल कलेक्ट किए। मरीज के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया। इसके बाद जब इन सैंपल की जांच रिपोर्ट आई तो इनमें दो और जापानी बुखार से संक्रमित मरीज मिले। इनमें एक 30 साल की रेखा शर्मा और 56 साल के राजेंद्र प्रसाद को जापानी इंसेफेलाइटिस की पुष्टि हुई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सचिन श्रीवास्तव का कहना कि मरीजों की स्थिति सामान्य है। लेकिन उस इलाके की निगरानी बढ़ाई गई है। उस इलाके में पशुओं के ब्लड सैंपल भी लिए गए हैं। इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि इनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिल पा रही है। इसलिए यह और संवेदनशील विषय हो गया है। इस कारण स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से इस पर नजर बनाए हुए हैं। आपको पता नहीं कि इससे पहले ग्वालियर जिले में डेंगू और चिकनगुनिया का कहर देखने को मिला था और अब जापानी इंसेफेलाइटिस से पीड़ित मरीज सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सचिन श्रीवास्तव ने कही ये बात
Japanese Encephalitis in Gwalior: इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सचिन श्रीवास्तव ने कहा कि, मरीजों की स्थिति सामान्य है। लेकिन उस इलाके की निगरानी बढ़ाई गई है। उस इलाके में पशुओं के ब्लड सैंपल भी लिए गए हैं। इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि इनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिल पा रही है। इसलिए यह और संवेदनशील विषय हो गया है। इस कारण स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से इस पर नजर बनाए हुए हैं।

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