करनी सेना के कार्यकर्ताओं ने मंत्री बिसाहूलाल सिंह का पुतला फूंका |

करनी सेना के कार्यकर्ताओं ने मंत्री बिसाहूलाल सिंह का पुतला फूंका

करनी सेना के कार्यकर्ताओं ने मंत्री बिसाहूलाल सिंह का पुतला फूंका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : November 26, 2021/8:29 pm IST

भोपाल, 26 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह द्वारा उच्च जाति की महिलाओं के लिए की गई विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना’ के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को यहां उनके चार इमली आवास के पास प्रदर्शन किया एवं उनका पुतला फूंका।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना के भोपाल महानगर अध्यक्ष कृष्णा बुंदेला ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘सवर्ण समाज एवं राजपूत महिलाओं के विरुद्ध मंत्री की आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किए जाने से राजपूत समाज आहत हुआ है और करणी सेना के प्रदेश संगठन मंत्री शैलेन्द्र सिंह झाला ने करणी सैनिकों को आदेश दिया है कि बिसाहूलाल जहां भी दिखें, उनका मुंह पर कालिख पोत दो।’’

उन्होंने कहा कि इसी परिप्रेक्ष्य में हमारे करीब 300 कार्यकर्ता शुक्रवार सुबह यहां मंत्री के चार इमली स्थित आवास का घेराव करने एवं उनके मुंह पर कालिख पोतने गये थे, लेकिन पुलिस ने हमें बैरिकेड लगाकर प्रताप भवन के पास उनके आवास से करीब आधा किलोमीटर दूर ही रोक दिया, जिससे हम वहां नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा कि इसके बाद हमने वहीं पर सिंह का पुतला फूंका और प्रदर्शन किया।

बुंदेला ने कहा कि सिंह अपने इस विवादास्पद बयाने के लिए माफी मागें। बुंदेला ने चेतावनी दी कि यदि उन्होंने अपने इस विवादास्पद बयान के लिए माफी नहीं मांगी तो करनी सेना उनके खिलाफ प्रदेशव्यापी आन्दोलन करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘नेता लोग सस्ते में पब्लिसिटी पाने के लिए आजकल राजपूत समाज के खिलाफ इस तरह के आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं। जो भी इस तरह के बयान देगा, हम उनके घर में घुस कर उनके मुंह में कालिख पोतेंगे और उनके विधानसभा क्षेत्रों में जाकर भी उनका पुरजोर विरोध करेंगे।’’

मालूम हो कि बुधवार को मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में महिलाओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मंत्री सिंह ने स्थानीय बोली में वहां मौजूद लोगों के ठहाकों के बीच कहा था, ‘‘बड़े-बड़े ठाकुर-ठकार अपने घर की महिलाओं को समाज में कंधे से कंधा मिलाकर चलने नहीं देते हैं। बड़े-बड़े लोग अपने घर की महिलाओं को कैद करके रखते हैं, जबकि हमारे गांव की (समाज के निचले तबके की) महिलाएं खेतों में जाती हैं और घर का काम भी करती हैं। समानता लाना है तो उच्च जाति की महिलाओं को भी घर से खींचकर बाहर निकालो और उनसे भी काम कराओ। तभी (पुरूषों एवं महिलाओं में) समानता आएगी।’’

भाषा रावत रावत राजकुमार

राजकुमार

 

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