मप्र : दुर्लभ बीमारी से जूझ रही बच्ची की जान बचाने के लिए नौ करोड़ रुपये जुटाने का अभियान शुरू

मप्र : दुर्लभ बीमारी से जूझ रही बच्ची की जान बचाने के लिए नौ करोड़ रुपये जुटाने का अभियान शुरू

मप्र : दुर्लभ बीमारी से जूझ रही बच्ची की जान बचाने के लिए नौ करोड़ रुपये जुटाने का अभियान शुरू
Modified Date: December 16, 2025 / 12:04 am IST
Published Date: December 16, 2025 12:04 am IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), 15 दिसंबर (भाषा) इंदौर में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) टाइप 2 नाम के एक आनुवांशिक रोग से जूझ रही तीन वर्षीय बच्ची की जान बचाने के लिए स्थानीय लोगों के एक समूह ने नौ करोड़ रुपये जुटाने का एक अभियान शुरू किया है।

यह अभियान ‘टीम बेबी अनिका’ नाम के परोपकारी समूह ने शुरू किया है।

बच्ची के पिता प्रवीण शर्मा पेशे से ट्रैवेल एजेंट हैं। उन्होंने सोमवार को संवाददाताओं को बताया, ‘मेरी बेटी अनिका एसएमए टाइप 2 से पीड़ित है और उसके इलाज के लिए हमें नौ करोड़ रुपये की दरकार है। इसमें बड़ी धनराशि अमेरिका से एक इंजेक्शन मंगाने में खर्च होनी है। यह इंजेक्शन उसे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में लगाया जाना है।’’

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शर्मा ने बताया, ‘‘अब तक हम मेरी बेटी के इलाज के लिए करीब 2.75 करोड़ रुपये जुटा चुके हैं। इसमें सरकार ने भी हमारी मदद की है। हमें पूरी उम्मीद है कि सबके सहयोग से हम बच्ची के इलाज की पूरी धनराशि जुटा लेंगे।’’

इस बीच, दुर्लभ बीमारी से जूझ रही अनिका का तीसरा जन्मदिन शहर के हृदयस्थल राजबाड़ा के सामने सोमवार को मनाया गया। इस दौरान कई आम लोगों ने आगे आकर बच्ची के इलाज में आर्थिक मदद की।

इस मदद के लिए ‘टीम बेबी अनिका’ की ओर से क्यूआर कोड भी जारी किया गया है, जिससे लोग धनराशि का डिजिटल अंतरण कर सकते हैं।

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) एक आनुवंशिक तंत्रिका-मांसपेशीय रोग है। इसमें रीढ़ की हड्डी में मौजूद ‘मोटर न्यूरॉन’ धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं जिससे मांसपेशियाँ कमजोर होती जाती हैं और उनका क्षय होने लगता है।

‘मोटर न्यूरॉन’ मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में पाई जाने वाली खास तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं जो दिमाग से शरीर की मांसपेशियों तक अलग-अलग क्रियाओं के वास्ते संदेश पहुंचाती हैं, जिनमें सांस लेना, निगलना और बोलना शामिल हैं।

भाषा हर्ष

अमित

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