मप्र में बारिश का कहर, बाढ़ की चपेट में 1200 से अधिक गांव |

मप्र में बारिश का कहर, बाढ़ की चपेट में 1200 से अधिक गांव

मप्र में बारिश का कहर, बाढ़ की चपेट में 1200 से अधिक गांव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : August 4, 2021/6:31 pm IST

भोपाल, चार अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि प्रदेश के उत्तरी भाग में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है और आपदा मोचन एवं सुरक्षा बलों की सहायता से 5,950 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है जबकि 1950 लोग अब भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे है और उन्हें बचाने के प्रयास जारी हैं।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि शिवपुरी और ग्वालियर के बीच रेल सेवा और मुरैना में दूरसंचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं और बुधवार को हेलीकॉप्टरों से बचाव कार्य शुरु किया गया जबकि मंगलवार को खराब मौसम के कारण बचाव कार्य प्रभावित हुए थे।

उन्हेांने बुधवार दोपहर बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद चौहान ने कहा, ‘‘ प्रदेश के उत्तरी हिस्से में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। …. शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के 1125 गांव प्रभावित हुए हैं।’’

उन्होंने कहा कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल ने मिलकर 240 गांवों से 5,950 लोगों को निकालने में सफलता हासिल की है।

चौहान ने कहा, ‘‘ सेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ के चार कॉलम और एसडीआरएफ के 70 दल बचाव अभियान में जुटे हैं। एनडीआरएफ के और दल आ रहे हैं। वायुसेना के पांच हेलीकॉप्टरों में से चार ग्वालियर और एक शिवपुरी में बचाव कार्य में लगे है।’’

उन्होंने कहा कि राहत के बात यह है कि कुछ जगहों पर जलस्तर कम हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्योपुर जिले के कुछ गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं लेकिन वहां फंसे हुए लोग सुरक्षित हैं और सेना बचाव के लिए उन गांवों में पहुंच रही है।

उन्होंने कहा कि सेना ने दतिया में 36 गांवों से 1100 लोगों को बचाया। उन्होंने बताया कि दतिया जिले में कुछ स्थानों पर लोगों को एयरलिफ्ट भी किया गया क्योंकि यहां बाढ़ के कारण सभी मुख्य सड़कें बंद हैं।

उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण दतिया जिले में दो पुल ढह गए और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या तीन पर बने पुल में दरार आ गई, जिस कारण इस राजमार्ग पर यातायात बंद कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्वालियर जिले में 46 बाढ़ प्रभावित गांवों के 3000 लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है जबकि शिवपुरी जिले में 22 गांवों के 800 लोगों को बचाया गया है।

चौहान ने आगे कहा कि भिंड और मुरैना जिले में बाढ़ का खतरा है क्योंकि यहां भारी बारिश के कारण चंबल नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि चंबल नदी पर बने एक बैराज से पानी छोड़ा गया है इसलिए इन जिलों में जलस्तर और बढ़ जाएगा तथा इन जिलों के निचले गांवों से लोगों को निकाला जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जिलों में कई जगहों पर बुनियादी ढांचा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुरैना और अन्य स्थानों पर दूरसंचार का बुनियादी ढांचा बाढ़ के कारण नष्ट हो गया है। मैंने इस संबंध में केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय के अधिकारियों से बात की है।’’

उन्होंने कहा कि शिवपुरी और ग्वालियर के बीच रेल सेवाएं रोक दी गई हैं क्योंकि इस खंड पर रेल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है।

चौहान ने कहा कि उन्होंने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की और उन्हें प्रदेश में बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया।

इससे पहले, दिन में प्रदेश के राजधानी भोपाल में अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद चौहान बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए ग्वालियर रवाना हो गए।

भाषा दिमो रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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