Administration is going to give this museum the look of an e-museum: मुरैना। जिले के पंडित राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय में सैलानियों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने सहित संग्रहालय को ई म्यूजियम का लुक देने का प्लान तैयार किया है। ई-म्यूजियम में सैलानी जिस चित्र या प्रतिमा को निहारेंगे उसका डिटेल उसे ऑडियो से सुनाई देगा। इसके लिए सैलानी को चित्र के पास लगा बटन दबाना होगा। नए सिस्टम में शहीद संग्रहालय में लगे फोटोग्राफ्स को बदलकर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से जोड़ा जाएगा।
म्यूजियम की बाहर लाइटिंग से उसे सुसज्जित किया जाएगा और यह म्यूजियम मध्य प्रदेश का पहला म्यूजियम होगा इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा यह पूरा कार्य स्मार्ट सिटी ग्वालियर द्वारा कराया जाएगा। मुरैना बिस्मिल संग्रहालय डिजिटल होने जा रहा है, जिसकी लागत लगभग 6.5 करोड़ रखी गई है।इसमें भारतीय संस्कृति बोर्ड द्वारा कार्य कराया जायेगा। अंचल का संग्रहालय डिजिटल होने से वीर सपूतों के बलिदान की कहानी ऑडियो और वीडियो फॉर्म में एक क्लिक के साथ दिखाई जायेगी। साथ ही कई हाई टेक लाइटिंग की भी व्यवस्था की जायेगी एवम ओपन थियेटर का विस्तार किया जायेगा। पार्किंग का मेंटेनेंस भी होगा और अंदर जितनी भी कलाकृति रखी है उनको भी डिजिटल फॉर्म में दिखाया जायेगा।
अंचल के बने इस संग्रहालय में एक टच पैनल लगाया जाएगा। जिस पर संग्रहालय में आने वाले पर्यटक चंबल का इतिहास और और समस्त पुरातत्व स्थलों की जानकारी एक क्लिक से टच पैनल पर क्लिक करके ले सकते है। जिसे ऑडियो और वीडियो दोनो फॉर्मेट में दिखाया और सुनाया जाएगा। इसमें चंबल की कहानियों में शुमार यहां के डाकुओं की कहानी और यहां इस माटी से जितने फौजियों ने बलिदान दिया है उनकी अमर गाथा के बारे में भी सुनाया जाएगा। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल संग्रहालय के पीछे एक ओपन थियेटर बना हुआ है, जो वर्तमान में संचालित नहीं है। इसका विस्तार किया जायेगा जिसमें कई अन्य नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर युवाओं को आकर्षित इस और किया जाएगा। संग्रहालय के चारों ओर हाईटेक लाइटिंग लगाई जाएगी, जिसके कारण यह संग्रहालय दूर से ही दिखाई देगा।
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