अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर मप्र उच्च न्यायालय ने तबादला निरस्त कर ‘अस्थिबाधित’ शिक्षक को दी राहत

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर मप्र उच्च न्यायालय ने तबादला निरस्त कर ‘अस्थिबाधित’ शिक्षक को दी राहत

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  • Publish Date - December 3, 2021 / 08:18 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

इंदौर, तीन दिसंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक सरकारी स्कूल के एक ‘अस्थिबाधित’ शिक्षक को राहत प्रदान करते हुए उनका तबादला निरस्त कर दिया।

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल और न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने शाजापुर जिले के एक ‘अस्थिबाधित’ शिक्षक की अपील स्वीकार करते हुए उनका तबादला आदेश निरस्त कर दिया।

तबादला आदेश के तहत शाजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने दिव्यांग शिक्षक को 29 अगस्त को एक शासकीय माध्यमिक विद्यालय से अन्य स्कूल में स्थानांतरित कर दिया था।

पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश निरस्त करते हुए कहा, ‘‘मुकदमे के विशेष तथ्यों और हालात पर गौर करने के बाद हम पाते हैं कि प्रतिवादियों (राज्य सरकार) ने 60 प्रतिशत तक की दिव्यांगता वाले एक व्यक्ति को स्थानांतरित करने में चूक की है।’’

अदालत ने कहा कि राज्य सरकार यह नहीं बता सकी कि आखिर ऐसी कौन-सी प्रशासनिक बाध्यता थी जिसके चलते उसे दिव्यांग शिक्षक का तबादला करने पर मजबूर होना पड़ा।

खंडपीठ ने कहा, ‘‘इस तरह के मामले में हम दखल देना उचित मानते हैं क्योंकि एक दिव्यांग व्यक्ति का बिना जायज कारणों के तबादला कर दिया गया है।’’

उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने 15 नवंबर को जारी आदेश में दिव्यांग शिक्षक के तबादले के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था। खंडपीठ ने एकल पीठ के इस आदेश को पलटते हुए शिक्षक का तबादला रद्द कर दिया।

शिक्षक की ओर से उच्च न्यायालय में पैरवी करने वाले वकील अखिल गोधा ने बताया कि 60 प्रतिशत दिव्यांगता के कारण उनके मुवक्किल को चलने-फिरने में बड़ी दिक्कत होती है और वह अपने तबादले से बेहद परेशान थे।

भाषा हर्ष हर्ष नेत्रपाल

नेत्रपाल