अब 10 साल शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ाना होगा अनिवार्य, हर साल जारी नहीं होगी ट्रांसफर पॉलिसी

अब शहरी क्षेत्रों में कई सालों से जमे टीचरों को ग्रामीण इलाकों में भेजा जाएगा। सभी टीचरों को अब अपने सेवाकाल में 10 साल ग्रामीण क्षेत्रों को देने होंगे।

अब 10 साल शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ाना होगा अनिवार्य, हर साल जारी नहीं होगी ट्रांसफर पॉलिसी
Modified Date: November 29, 2022 / 07:50 pm IST
Published Date: September 10, 2022 1:29 pm IST

भोपाल। MP  में स्कूल शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर दी है। नई पॉलिसी के तहत अब शिक्षकों का ट्रांसफर होगा. नई पॉल‍िसी में अब ये बदलाव देखने को मिले हैं। नई पॉल‍िसी में कई बदलाव कर दिए गए हैं। अब शहरी क्षेत्रों में कई सालों से जमे टीचरों को ग्रामीण इलाकों में भेजा जाएगा। सभी टीचरों को अब अपने सेवाकाल में 10 साल ग्रामीण क्षेत्रों को देने होंगे।

नई नीति लागू होने के बाद शिक्षकों को अपने सेवाकाल में 10 साल ग्रामीण स्कूलों में पढ़ाना अनिवार्य होगा। 10 वर्ष से अधिक एक ही संस्था में पदस्थ शहरी क्षेत्र के शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में रिक्त पदों पर पदस्थ किया जाएगा।

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नये नियुक्त शिक्षकों की पहले 3 साल ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्ति होगी। अब 10 साल ग्रामीण स्कूलों में पढ़ाना अनिवार्य किया जा रहा है। हर साल 31 मार्च से 15 मई के बीच ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

अब हर साल ट्रांसफर पॉलिसी नहीं जारी होगी। अधिसूचना के माध्यम से उसमें संशोधन हो सकेगा। बच्चों की पढाई प्रभावित न हो, इसलिये ट्रांसफर के लिए गर्मी की छुट्टियों का चयन किया गया है। अब स्वैच्छिक स्थानांतरण भी ऑनलाइन ही होंगे, स्‍कूल शिक्षा विभाग ने 12 पेज की नई पॉलिसी जारी जारी कर दी है।

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ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार, 10 साल या उससे अधिक समय से एक ही संस्था, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की कमी वाले स्कूल में ट्रांसफर कर दिया जााएगा। ऐसे शिक्षकों को स्वैच्छिक स्थानांरण प्रोसेस में शामिल होने का भी मौका मिलेगा। इसके साथ ही दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों अथवा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में प्रशासकीय रूप से पदस्थ किए गए शिक्षकों को प्रोत्साहन भत्ते के रूप में निश्चित राशि प्रदान की जाएगी। रिक्त पदों पर स्वैच्छिक स्थानांतरण ऑनलाइन किए जा सकेंगे किन्तु उपलब्ध मानवीय संसाधनों के युक्ति‍पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने करने पर उनका समानुपातिक रूप से वितरण करने एवं क्षेत्र विशेष में एकत्रीकरण रोकने के लिए ब्लॉक किया जाएगा।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com