Open amphitheater on tribal interest, gathering of veterans in Sanskardhani, continuing political counterattack

आदिवासी हित पर खुला अखाड़ा, संस्कारधानी में दिग्गजों का जमावड़ा, जारी है सियासी वार-पलटवार

Open amphitheater on tribal interest, gathering of veterans in Sanskardhani, continuing political counterattack

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : September 17, 2021/11:08 pm IST

भोपालः हालिया दौर में प्रदेश में सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच खुद को आदिवासी हितैषी बताने की होड़ साफ नजर आती है। गोंडवाना के वीर शहीद, राजा शंकरशाह-रघुननाथ शाह के 164वें बलिदान दिवस के मौके पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह जबलपुर में आदिवासी जननायकों का सम्मान करने आ रहे हैं। जिसे लेकर कांग्रेस ने कटाक्ष किया है कि बीजेपी NCRB की 2020 की रिपोर्ट हुई छीछालेदर को छिपाने के इन आदिवासी हितैषी आयोजनों की ओट ले रही है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने तो केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मिलने का वक्त मांगा है ताकि उन्हें आदिवासियों पर अत्याचार की हकीकत बता सकें। सवाल ये कि अपने जननायकों के बलिदान दिवस पर सम्मान समारोह और उसके विरोध में हो रही सियासत।प्रदेश के आदिवासी वर्ग को रास आएगी।

 

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मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में सियासी दिग्गजों का जमावड़ा हो रहा है। मौका है गोंडवाना के वीर शहीद राजा शंकरशाह-रघुनाथ शाह के 164वें बलिदान दिवस का…देश के गृहमंत्री अमित शाह बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने जबलपुर आ रहे हैं। तो कांग्रेस ने भी बलिदान दिवस पर कई कार्यक्रम तय कर लिए हैं। अमित शाह जबलपुर में आदिवासी जननायकों का सम्मान करेंगे तो वहीं दिग्विजय सिंह और कांतिलाल भूरिया राजा शंकरशाह-रघुनाथ शाह के बलिदान स्थल पहुंचेंगे। साथ ही युवा कांग्रेस विशाल रैलियां निकालेगी। St वर्ग पर अत्याचार के मामले में मध्यप्रदेश
देश में अव्वल है। 2020 में आदिवासियों पर अत्याचार के 2401 केस दर्ज हुए जबकि 2019 में 1922 केस दर्ज हुए थे। जबकि Sc वर्ग पर अत्याचार के मामले में मध्यप्रदेश चौथे स्थान पर रहा है।

 

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NCRB के आंकड़ों के बाद सत्तापक्ष पर हमलावर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट ने प्रदेश में सुशासन की पोल खोल दी। युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया के मुताबिक प्रदेश का आदिवासी हकीकत समझ चुका है। वो अब भजपा के कार्यक्रमों से बहलेगा नहीं। दूसरी तरफ बीजेपी का आरोप है कि विपक्ष भ्रम फैला रहा है।

 

कुल मिलाकर आदिवासी अत्याचारों को लेकर NCRB की हालिया रिपोर्ट पर घिरे सत्ता पक्ष का। राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस होने वाला आयोजन सियासी चश्मे से देखा जा रहा है। जबकि बीजेपी का दावा है कि वो देश के जननायकों के बलिदान को आज की पीढ़ी तक पहुंचाने का काम जारी रखेंगे। सवाल ये कि प्रदेश का आदिवासी इन आयोजनों और विरोध से कितना जुड़ पाएगा।