जब तहसीलदार ने की परीक्षा केंद्र में छापेमारी, दो नकलची छात्राएं पकड़ाई, देखते ही देखते 8-10 छात्राएं बेहोश

  •  
  • Publish Date - March 4, 2023 / 11:07 AM IST,
    Updated On - March 4, 2023 / 11:07 AM IST

Tehsildar raided the examination center: मध्यप्रदेश में इन दिनों बोर्ड कक्षाएं की परीक्षाएं चल रही हैं। लाखों की संख्या में स्वाध्यायी और नियमित छात्र-छात्राएं 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल हो रहे। ऐसे में अब प्रशासन के सामने दूरस्थ परीक्षा केन्द्रो में नक़ल रोकना और शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षाएं आयोजित कराना एक बड़ी चुनौती हैं। शासन के निर्देश पर सभी जिला प्रशासन द्वारा छापेमार टीमों का गठन किया गया हैं। इस टीम में एसडीएम और तहसीलदार सरीखे अधिकारियों को भी शामिल किया गया हैं। टीम लगातार अपने जिला क्षेत्र के केन्द्रो में पहुंचकर परीक्षा सम्बन्धी तैयारियों का जायजा लें रहे हैं। वे औचक निरीक्षण कर नक़ल प्रकरणों को रोकने छापेमार कार्रवाई भी कर रहे हैं।

आज ही कर लें यह जरूरी काम वरना लगेगा 10 हजार रुपये तक का जुर्माना, कार्ड भी नहीं रहेगा किसी काम का

इसी बीच नक़ल प्रकरण से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला पन्ना जिले के सिमरिया में सामने आया हैं। यहाँ के एक स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाया गया हैं। वही जब नक़ल प्रकरणों की जाँच करने तहसीलदार की टीम केंद्र पहुंची और जाँच शुरू की दो छात्राओं से नक़ल सामग्री बरामद हुआ। लेकिन जैसी ही दोनों छात्राओं पर प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई शुरू हुई देखते ही देखते आठ से दस छात्राएं परीक्षा केंद्र में ही बेहोश हो गई।

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने जेल में कैदियों से की भेंट, बंदियों ने बताया ‘टीवी में देखते हैं आपकी कथा’

Tehsildar raided the examination center: मामला बिगड़ता देख फ़ौरन डॉक्टर्स की टीम को परीक्षा केंद्र बुलाया गया और छात्राओं का मेडिकल चेकअप कराया गया। वही अब छात्राओं ने तहसीलदार के छापेमारी टीम पर गंभीर आरोप लगाएं हैं। उनका कहना हैं की उनके पास से कोई नक़ल सामग्री बरामद नहीं हुई हैं बावजूद उन्हें जबरन फॉर्म भरने को कहा जा रहा हैं। इस दौरान छत्राएं फूट-फूटकर रो रही थी।

छुट्टी के दिन भी खुले रहेंगे पंजीयन कार्यालय, नागरिकों की सुविधा को देखते हुए लिया गया बड़ा फैसला

दुसरे और जिले के शिक्षाधिकारी ने कहा हैं की नक़ल प्रकरण की जानकारी उन्हें नहीं मिली हैं लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम गठित कर दी गई हैं। अब सवाल यह उठता हैं की आखिर तहसीलदार की टीम को देखकर छात्राओं की तबियत क्यों बिगड़ने लगी? क्या उन्हें किसी तरह की मेडिकल समस्या थी या नक़ल प्रकरण दर्ज होने से बचने के लिए यह उनका ड्रामा था? और क्या तहसीलदार पर छात्राओं का आरोप सही हैं? जाहिर हैं जांच के बाद ही इन सभी सवालो के जवाब मिल पाएंगे।

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक