‘‘स्मार्ट सिटी’’ को जैव विविधता के लिहाज से फिर से परिभाषित करने की जरुरत : एनबीए अध्यक्ष |

‘‘स्मार्ट सिटी’’ को जैव विविधता के लिहाज से फिर से परिभाषित करने की जरुरत : एनबीए अध्यक्ष

‘‘स्मार्ट सिटी’’ को जैव विविधता के लिहाज से फिर से परिभाषित करने की जरुरत : एनबीए अध्यक्ष

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : August 5, 2022/9:35 pm IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), पांच अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) के अध्यक्ष विनोद बी. माथुर ने जीव जगत पर जलवायु परिवर्तन के अलग-अलग प्रभावों के साथ ही तेज रफ्तार शहरीकरण के खतरों को लेकर शुक्रवार को चेताया।

उन्होंने यह भी कहा कि देश में ‘‘स्मार्ट सिटी’’ की परिकल्पना और इस पर अमल को जैव विविधता की दृष्टि से फिर से परिभाषित और सुव्यवस्थित करने की जरूरत है।

माथुर ने शहरी क्षेत्रों में जैव विविधता सहेजने के विषय पर देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन के अलग-अलग प्रभावों के बीच हमारे ग्रह का जैविक संतुलन बिगड़ रहा है और हम अब तक की सबसे तेज रफ्तार से कई प्रजातियों को खोते जा रहे हैं। शहरीकरण की सरपट गति के कारण हमारे लिए यह समस्या और गंभीर होती जा रही है।’’

जैव विविधता बचाने के लिए शहरों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर जोर देते हुए एनबीए अध्यक्ष ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने की जरूरत है और इस दिशा में स्थानीय निकायों को सभी संबद्ध पक्षों से तालमेल बैठाते हुए अहम भूमिका निभानी होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि शहरों में विशेष पहचान के स्थलों के तौर पर जैव विविधता पार्क स्थापित किए जाने चाहिए ताकि आम लोगों में संकटग्रस्त प्रजातियों को लेकर जागरूकता पैदा हो सके।

माथुर ने मिट्टी के संरक्षण पर भी बल देते हुए कहा कि इससे केंचुए और सूक्ष्म जीवों की कई प्रजातियां बच सकेंगी।

शहरी क्षेत्रों में जैव विविधता पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन प्रकृति हितैषी संगठन ‘द नेचर वॉलंटियर्स’ ने अन्य संस्थाओं की मदद से किया है। इसमें देश भर के विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं।

भाषा हर्ष अर्पणा

अर्पणा

 

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